चीन ने उच्च गुणवत्ता की तस्वीरें लेने के लिए नया उपग्रह लॉन्च किया
चीन ने उच्च गुणवत्ता की तस्वीरें लेने के लिए शनिवार को नया सेटेलाइट लांच किया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। चीन ने शनिवार को एक नया सेटेलाइट लांच किया। इस सेटेलाइट के माध्यम से चीन अपने इलाके में विकास के काम में भी मदद लेगा। किस जगह पर सड़क नेटवर्क डिजाइन करना है, शहर की प्लानिंग कैसे की जानी है? फसल उपज किस तरह से रहेगी, इस तरह के अनुमान लगाना आसान हो जाएगा।
भेजा Gaofen-10 उपग्रह
ऐसे अनुमान लग जाने के बाद सही तरीके से विकास करने में आसानी होगी। चीन ने शनिवार को उत्तर चीन के शांक्सी प्रांत के ताइयुआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर (Taiyuan Satellite Launch Center)से मार्च -4 सी रॉकेट के साथ Gaofen-10 (गॉफ़ -10) उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा। ये उपग्रह सफलतापूर्वक योजनाबद्ध कक्षा में प्रवेश कर गया है, अब कुछ दिनों में इससे तस्वीरें और अन्य डेटा मिलने शुरु हो जाएंगे। उसके बाद उसी हिसाब से विकास की योजनाएं बनाई जाएंगी। यह लॉन्ग मार्च वाहक रॉकेट श्रृंखला का 314 वां उड़ान मिशन था।
रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट से लैस
इस उपग्रह की खासियत ये है कि बहुत ही साफ तस्वीरें भेजने में सक्षम है। इसमें लगे माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट(satellite) से एक मीटर से कम दूरी की भी तस्वीरें आसानी से खिंची जा सकती है। इस सेटलाइट और उसमें लगी हाइ क्वालिटी के कैमरों से पृथ्वी के हिस्सों को बेहतरीन तस्वीरें मिल सकेंगी। साफ सुथरी और बढ़िया तस्वीरें मिलने से उस हिसाब से विकास के काम कराने आसान होंगे। चीन की ओर से इस उपग्रह को भेजे जाने का एक मकसद ये भी है कि इससे पृथ्वी के तमाम हिस्सों की बेहतर फोटो भी मिल पाएगी।
शंघाई एकेडमी ऑफ स्पेसफ्लाइट टेक्नोलॉजी द्वारा उपग्रह और वाहक रॉकेट विकसित
चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन के तहत शंघाई एकेडमी ऑफ स्पेसफ्लाइट टेक्नोलॉजी द्वारा उपग्रह और ये वाहक रॉकेट विकसित किए गए थे। अब इनको लांच किया गया। जो सेटेलाइट भेजा गया है उससे बेहतर रिजल्ट मिलने की उम्मीदें है। इस Gaofen-10 उपग्रह का उपयोग भूमि सर्वेक्षण, शहरी नियोजन, सड़क नेटवर्क डिजाइन, फसल उपज का अनुमान लगाने में किया जा सकेगा।
इसी के साथ यदि वहां पर किसी तरह की आपदा आती है तो इसका इस्तेमाल वहां राहत पहुंचाने में भी किया जा सकेगा। इस उपग्रह से मिलने वाली इमेज के माध्यम से ग्रीनरी डेवलप करने और रोड इनिशिएटिव जैसी प्रमुख राष्ट्रीय रणनीतियों को भी बनाने में मदद मिलेगी।