सीमा को लेकर चीन अब भूटान से उलझा, एक नए क्षेत्र पर अपना दावा ठोंका, पड़ोसी देश ने जताया कड़ा एतराज
चीन ने हाल ही में हैरान करने वाला कदम उठाते हुए ग्लोबल इन्वॉयरमेंट फैसिलिटी (जीईएफ) के समक्ष साकतेंग सेंचुरी पर अपना दावा पेश किया था।
बीजिंग, प्रेट्र। अपनी विस्तारवादी नीति के चलते चीन इन दिनों छोटे से शांतिप्रिय देश भूटान से भी उलझा हुआ है। भूटान की साकतेंग वाइल्डलाइफ सेंचुरी पर अपना दावा ठोंकते हुए चीन ने कहा है कि दोनों देशों की सीमा का निर्धारण करने के लिए वह जल्द ही पैकेज सॉल्यूशन पेश करेगा। उम्मीद है कि भूटान उसके प्रस्ताव को स्वीकार कर लेगा और दोनों देशों का सीमा विवाद सुलझ जाएगा। चीन के दावे पर भूटान ने कड़ा एतराज जताया है।
भूटान की साकतेंग सेंचुरी पर जताया दावा
चीन ने हाल ही में हैरान करने वाला कदम उठाते हुए ग्लोबल इन्वॉयरमेंट फैसिलिटी (जीईएफ) के समक्ष साकतेंग सेंचुरी पर अपना दावा पेश किया था। चीन ने सेंचुरी को आर्थिक सहायता देने के जीईएफ के फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि उसकी संपत्ति को उसकी जानकारी के बगैर कैसे सहायता दी जा सकती है।
चीन के दावे पर वहां के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मंगलवार को कहा, अभी तक चीन की भूटान से लगने वाली सीमा का निर्धारण नहीं हुआ है। सीमा को लेकर चीन की नीति स्पष्ट है। चीन और भूटान के मध्य की सीमा स्पष्ट नहीं है। इसके कारण मध्य, पूर्व और पश्चिम के इलाकों में विवाद की स्थिति है। ऐसे में चीन एक प्रस्ताव पेश कर विवाद का अंत करने की कोशिश करेगा।
भूटान ने जवाब में लिखा कड़ा विरोध पत्र
प्रवक्ता ने कहा, चीन इस विवाद को बड़ा रूप देने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने के खिलाफ है। चीन इस विवाद को द्विपक्षीय आधार पर बातचीत के जरिये निपटाना चाहता है। सेंचुरी पर चीन के दावे पर भूटान ने कड़ा एतराज जताया है। नई दिल्ली स्थित भूटान के दूतावास ने चीन को कड़ा विरोध पत्र भेजा है और उसमें चीन के दावे को बेबुनियाद बताया गया है। इस बीच जीईएफ ने भी चीन के दावे को खारिज करते हुए साकतेंग सेंचुरी के लिए आर्थिक सहायता स्वीकृत कर दी है।