चीन उइगुर मुसलमानों से जबरन करवाता है काम, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने आयात पर लगाया प्रतिबंध
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि वहां कायम शिविरों में कम से कम दस लाख उइगुर और अन्य अल्पसंख्यक मुसलमानों को रखा गया है। शिनजियांग प्रांत में दस लाख उइगुर मुसलमानों को जबरन शिविरों में रखा गया है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने शिनजियांग से आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
नई दिल्ली, एएफपी/रॉयटर्स। चीन का वहां रहने वाले मुसलमानों पर जुल्मों सितम जारी है। सबसे अधिक परेशान चीन के शिनजियांग इलाके में रहने वाले उइगुर मुसलमान है। चीन इन मुसलमानों को जबरन शिविरों में रख रहा है और उनसे अपने मनमाफिक काम करवाता है। यदि ये लोग वहां के प्रशासन के हिसाब से काम नहीं करते हैं तो उनको प्रताड़ित किया जाता है।
शिनजियांग प्रांत में दस लाख उइगुर मुसलमानों को जबरन शिविरों में रखा गया है। अब अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने इन सब चीजों को देखते हुए शिनजियांग से आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिनिधि सभा में उइगुर जबरन श्रम निवारण अधिनियम के पक्ष में 406 मत पड़े जबकि विरोध में 3। इस कानून को प्रभावी होने के पहले सीनेट से पास कराना जरूरी है।
कारोबारियों के इसका विरोध किया है, उसके बावजूद यह कानून प्रतिनिधि सभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि वहां कायम शिविरों में कम से कम दस लाख उइगुर और अन्य अल्पसंख्यक मुसलमानों को रखा गया है। शिनजियांग उत्तर पश्चिमी चीन का एक सुदूर इलाका है। हाल के सालों में इसमें रिएजुकेशन कैंपों में लंबे समय के लिए नजरबंदी भी शामिल हो गई है। प्रतिनिधि सभा में कानून को पारित करते हुए सांसदों ने कहा कि वे ऐसा कर उइगुर समुदाय के जबरन श्रम को रोकने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
अमेरिका और अन्य देश चीन पर लगातार दबाव बना रहे हैं ताकि वह जबरन श्रम शिविर पर कार्रवाई करे। अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नेन्सी पेलोसी ने कहा कि यह दुख की बात है कि जबरन श्रम के उत्पाद अक्सर अमेरिकी दुकानों और घरों में खपते हैं। हमें बीजिंग को स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि इस तरह के अत्याचार अब बंद होने चाहिए।
अधिकार संगठन के एक शोध के मुताबिक अमेरिका में आने वाले 20 फीसदी से अधिक कपड़ों में इस्तेमाल हुआ कुछ ना कुछ धागा शिनजियांग प्रांत में तैयार होता है। अमेरिका के चैंबर ऑफ कॉमर्स ने इस कानून की आलोचना की है।