जानें क्या है अगले साल से लागू होने वाला चीन का नया बायो सिक्युरिटी कानून, कैसे करेगा काम
चीन ने अपने यहां कोरोना वायरस के शुरूआती संक्रमण और उससे जुड़े खतरे को छिपाने का काम किया था। जिन लोगों ने इस बीमारी के बारे में बताने की कोशिश की उनको किसी न किसी तरह से चुप करा दिया गया या उन्हें जेल में डाल दिया गया।
बीजिंग, एएफपी। दुनिया के तमाम देशों में संक्रामक कोरोना बीमारी फैलाने का श्रेय चीन को दिया जा रहा है। इसको लेकर विश्व के तमाम देश चीन की आलोचना कर रहे हैं। सभी को पता है कि चीन ने अपने यहां कोरोना वायरस के शुरूआती संक्रमण और उससे जुड़े खतरे को छिपाने का काम किया था। इसी के साथ जिन लोगों ने इस बीमारी के बारे में बताने की कोशिश की उनको किसी न किसी तरह से चुप करा दिया गया, या उन्हें जेल में डाल दिया गया। हालांकि चीन अपनी आदत के अनुसार इससे इनकार करता रहा है मगर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के शासन और शी जिनफिंग को समझने वाले इसे अच्छे से जानते हैं।
अब बनाया बायो सिक्युरिटी कानून
कोरोना के दौरान ये भी कहा गया कि जिस किसी ने भी कोरोना के बारे में जानकारी देनी चाही, उसकी आवाज को दबा दिया गया। अब चीन में बने नए बायो सिक्युरिटी कानून में लोगों को अधिकार दिया गया है कि वे "बायो सिक्युरिटी को खतरे में डालने वाली किसी भी गतिविधि" के बारे में सूचना दे सकते हैं। इसके अलावा कहा गया है कि समय रहते बचाव वाले कदम उठाए जाने चाहिए जैसे कि किसी जोखिम की सक्रिय तौर पर निगरानी करना और उसके लिए पहले ही आपातकालीन योजनाएं बनाना। चीन में नया कानून अगले साल 15 अप्रैल से लागू हो जाएगा।
कोरोना जैसे संक्रमण की निगरानी करना होगा अनिवार्य
नया कानून लागू हो जाने के बाद चीन में भविष्य में ऐसे किसी भी संक्रमण की सूचना मिलते ही उसके पैदा होने की जगह और स्थिति का पता लगाने के साथ साथ उससे जुड़े खतरों को नियमित निगरानी करना कानूनन अनिवार्य होगा। बीमारियों की रोकथाम के लिए काम करने वाली एजेंसियों को भी नई बामारियों के संक्रामक होने की संभावना को लेकर समय रहते भविष्यवाणी करनी होगी। इसके आधार पर प्रशासन कुछ चेतावनियां और बचाव के तरीके सुझा सकेगा। सन 2002-2003 में सार्स के संक्रमण के बाद भी चीन ने एक सूचना तंत्र स्थापित किया था जिससे नए संक्रमणों की रियल-टाइम सूचना मिल सके।
हर कोई कर सकेगा रिपोर्ट
संक्रामक बीमारियों और महामारियों के बारे में नए कानून में लिखा है कि कानून के अनुसार, जब भी इस बारे में रिपोर्ट किया जाना चाहिए तो ना किसी कार्यालय और ना ही किसी व्यक्ति को इसे छुपाना चाहिए। इसके अलावा ना ही किसी और को ऐसी रिपोर्ट करने से रोकना चाहिए।
कोरोना से सतर्क करने वाले डॉक्टर को लगाई थी फटकार
पिछले साल दिसंबर में सबसे पहले अपने नए कोरोना वायरस के बारे में सतर्क करने वाले चीनी डॉक्टर ली वेनलियांग को सरकार ने आधिकारिक रूप से फटकार लगाई थी। फिर जब बीमारी के कारण उसी डॉक्टर की मौत हो गई तो उसके लिए देश भर से दुख भरे संदेशों में उसके साथ सरकारी बर्ताव पर गुस्सा जताया गया था। इसके बाद चीनी प्रशासन ने अपने रुख से पलटते हुए डॉक्टर की मौत के लिए स्थानीय स्वास्थ्य प्रशासन की निंदा की और ली को एक नायक का दर्जा दिया था। ये बात चीन के अलावा दूसरे देश भी जानते हैं।
शी जिनफिंग ने जताई थी कानून बनाने की मंशा
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने फरवरी में ही इस तरह का कानून बनाए जाने की मंशा जताई थी। उनका मकसद ऐसे सुधार किया जाना था जिनसे भविष्य में बड़े संक्रमणों और महामारियों को समय रहते रोका जा सके। नए कानून में ऐसी जानकारी छिपाने, उसकी रिपोर्ट ना करने या दूसरों को ऐसा करने से रोकने वालों को चेतावनी दिए जाने से लेकर बर्खास्त किए जाने तक की व्यवस्था है।