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मंगल मिशन पर निकले चीन के तिआनवेन-1 ने भेजी पहली ब्‍लैक एंड व्‍हाइट इमेज, रूस ने दिखाई थी मार्स की राह

रूस ने छह दशक पहले जिस मंगल ग्रह के लिए शुरूआत की थी आज उसकी तरफ कई यान बढ़ रहे हैं। इसी राह पर आगे बढ़ते हुए चीन के तिआनवेन-1 ने लाल ग्रह की पहली ब्‍लैक एंड व्‍हाइट तस्‍वीर भेजी है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2021 10:04 AM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2021 10:45 AM (IST)
मंगल मिशन पर निकले चीन के तिआनवेन-1 ने भेजी पहली ब्‍लैक एंड व्‍हाइट इमेज, रूस ने दिखाई थी मार्स की राह
चीन के तिआनवेन-1 ने भेजी मंगल की पहली तस्‍वीर

बीजिंग (रॉयटर्स )। जुलाई 2020 में मंगल ग्रह के लिए छोड़े गए चीन के पहले अंतरिक्ष यान 'तिआनवेन-1' ने मंगल ग्रह की पहली तस्‍वीर भेजी है। चीन की स्‍पेस एजेंसी ने इस तस्‍वीर को दुनिया के साथ साझा किया है। इस ब्‍लैक एंड व्‍हाइट फोटो को साझा करते हुए अंतरिक्ष एजेंसी ने उम्‍मीद जताई है कि ये यान इस वर्ष मई में सफलतापूर्वक इस लाल ग्रह पर उतर जाएगा। एजंसी की मानें तो तिआनवेन-1 यान ने मंगल ग्रह की इस तस्‍वीर को करी 14 लाख मील की दूरी से लिया है। इस तस्‍वीर में मंगल पर मौजूद बड़े-बड़े क्रेटर्स या गड्ढों को आसानी से देखा जा सकता है।

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एजेंसी ने एक बयान जारी कर कहा है कि तिआनवेन-1 का इस तरह से मंगल ग्रह की तस्‍वीर भेजना इस बात का सुबूत है कि वो अपनी यात्रा में सफलतापूर्वक आगे की ओर बढ़ रहा है। चीन की अंतरिक्ष एजेंसी ने इसको एक बड़ी कामयाबी बताया है। एजेंसी ने ये भी कहा है कि ये यान धरती से करीब 184 लाख किलोमीटर और मंगल ग्रह से अभी 1.1 लाख किलोमीटर की दूरी पर है ।

गौरतलब है कि 23 जुलाई 2020 को चीन ने अपने यान को अपने सबसे ताकतवर रॉकेट लॉन्ग मार्च-5 Y4 रॉकेट से लॉन्‍च किया था। ये यान मंगल ग्रह पर कहां-कहां बर्फ और पानी मौजूद है इसका पता लगाएगा। इस यान को दक्षिण चीन के हेनान प्रांत के वेनचांग स्पेस लॉन्च सेंटर से रवाना किया गया था। चीन की अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि इस यान के जरिए उन्‍हें मंगल की भौगोलिक संरचना और वहीं की जलवायु समेत वहां के पर्यावरण के बारे में भी कुछ नई सटीक और रोचक जानकारियां मिल सकेंगी।

यहां पर ये भी जानना काफी दिलचस्‍प है कि मंगल के सफर पर जुलाई 2020 में ही यूएई ने भी अपना यान लॉन्‍च किया था। इस यान को इस माह अपना सफर पूरा करना है। हालांकि चीन के यान की बात करें तो इसके साथ ऑर्बिटर और लैंडर है। इस तरह से यदि चीन अपने मिशन में सफल हो जाता है तो वो पहली बार में इस सफलता को पाने वाला पहला देश बन जाएगा।

चीन के इस यान को अभी मंगल मिशन पूरा करने के लिए लंबी यात्रा करनी बाकी है। चीन की अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक 10 फरवरी को ये यान मंगल के ऑर्बिट में दाखिल होने की तैयारी शुरू कर देगा। इसकी गति को धीमा करने के लिए इसको एक ब्रेक लगाया जाएगा। इसकी वजह ये है कि जिस वक्‍त यान इसके ऑर्बिट में प्रवेश करेगा उस वक्‍त मार्स का ग्रेविटेशनल फोर्स इसको अपनी तरफ तेजी से खींचना शुरू कर देगा। ऐसे में यदि इस यान की गति पहले से ही तेज रहेगी तो इसकी नाकाम होने की संभावना अधिक होगी। ऐसे में वैज्ञानिक इसकी गति को धीमा कर संतुलन बिठाने की कोशिश करेंगे। इस दौरान किसी भी प्‍लेनेटरी मिशन को अंजाम नहीं दिया जाएगा।

गौरतलब है कि तियानवेन-1 जुलाई 2020 में लॉन्‍च किए तीन मिशन में से एक है। नासा ने भी इसी दौरान अपने मार्स मिशन Perseverance rover को लॉन्‍च किया था जो इसी माह मार्स पर उतरेगा। इसके अलावा संयुक्‍त अरब अमीरात ने भी अपने पहले मंगल मिशन को लॉन्‍च किया था जिसका नाम है 'होप'प्रोब। सब कुछ ठीक रहा तो ये मंगल के ऑर्बिट में 9 फरवरी को प्रवेश करेगा।


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