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चीन के नए ड्रोन से चकित हुई दुनिया, जल-थल-नभ में सेना को मिली नई ताकत

मरीन छिपकली के पेलोड में एक इलेक्‍ट्रो ऑप्टिकल सिस्‍टम और एक रडार सिस्‍टम है। यह दुश्‍मन की योजना को पहले ही भांप जाता है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 03:55 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 11:35 PM (IST)
चीन के नए ड्रोन से चकित हुई दुनिया, जल-थल-नभ में सेना को मिली नई ताकत
चीन के नए ड्रोन से चकित हुई दुनिया, जल-थल-नभ में सेना को मिली नई ताकत

बीजिंग, पीटीआइ। चीन ने एक ऐसा सश्‍स्‍त्र डोन विकसित किया है, जो सेना के तीनों अंगों के लिए उपयोगी होगा। दुनिया में अपनी तरह का यह पहला ड्रोन होगा, जो सेना के तीनों अंगों के साथ मिलकर काम कर सकेगा। चीनी सैन्‍य विश्‍लेषकों का दावा है कि यह ड्रोन जंग के दौरान थल सेना के साथ नभ और जल सेना लिए काम करेगा। जंग के दौरान जमीनी हमले के संचालन में हवाई ड्रोन और नौसेना का तिकड़ी बनाने में सक्षम है।

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चीन के जहाज निर्माण उद्योग निगम के तहत वुचैंग शिपबिल्डिंग इंडस्‍ट्री ग्रुप ने इसे तैयार किया है। चीन निर्मित इस ड्रोन का नाम मरीन लिजर्ड है। इस ड्रोन को आठ अप्रैल को चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में सफलतापूर्वक लांच किया गया। इसकी रेंज 1200 किलोमीटर तक है। इसकी स्‍पीड 50 नॉट है। समुद्री छिपकली के आकार वाले इस ड्रोन को सेटेलाइट जरिए संचालित किया जाएगा।

इस ड्रोन की एक बड़ी खूबी यह है कि इससे चार ट्रैक इकाइयों को एक साथ सं‍चालित किया जा सकता है। इसके साथ यह प्रति घंटे 20 किलोमीटर की रफ्तार से किसी लक्ष्‍य तक पहुंचने में सक्षम है। मरीन छिपकली के पेलोड में एक इलेक्‍ट्रो ऑप्टिकल सिस्‍टम और एक रडार सिस्‍टम है। यह दुश्‍मन की योजना को पहले ही भांप जाता है। यह दो मशीन गन और विमान रोधी मिसाइलों के लिए वर्टिकल लॉन्चिग सिस्‍टम से युक्‍त है।

विशेषज्ञ ने कहा कि समुद्री छिपकली दुश्‍मन के ठिकानों का पता लगाने के लिए मानव रहित प्रकृति का लाभ उठाती है। तटीय रक्षा के लिए ड्रोन बोट भी एक बढ़‍िया विकल्‍प है। नेविगेशन सैटेलाइट सिस्‍टम द्वारा निर्देशित समुद्री छिपकली एक एकीकृत कमांड सिस्‍टम में अन्‍य युद्ध इकाइयों के साथ संयुक्‍त होकर काम करती है। यह मानव रहित जल-नभ और वायु में एकीकृत प्रणाली बनाने में सक्षम है। यह जंग के दौरान कम जोखिम के साथ दुश्‍मन का मुकाबला कर सकती है।


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