Move to Jagran APP

अब चीनी रक्षा मंत्री ने दी धमकी, कहा- ताइवान को हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता

Taiwan reunification चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगहे ने ताइवान के एकीकरण को लेकर दुनिया को धमकी देते हुए कहा है कि इस प्रक्रिया को कोई रोक नहीं सकता।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 08:51 PM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 09:43 PM (IST)
अब चीनी रक्षा मंत्री ने दी धमकी, कहा- ताइवान को हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता

बीजिंग, एएफपी। चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगहे ने ताइवान के एकीकरण को लेकर दुनिया को आगाह किया है। उन्होंने चीन के साथ ताइवान के एकीकरण का आह्वान करते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा कि इस प्रक्रिया को कोई रोक नहीं सकता। बता दें कि चीन स्वशासित ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है। गृहयुद्ध के बाद यह द्वीपीय क्षेत्र 1949 में चीन से अलग हो गया था।

loksabha election banner

इससे पहले भी बीजिंग यह धमकी दे चुका है कि ताइवान अगर चीन में नहीं मिला तो बल प्रयोग कर हासिल किया जाएगा। फेंगहे ने यहां सोमवार को एशियाई रक्षा मंत्रियों और अधिकारियों के एक सम्मेलन में कहा, 'चीन के साथ ताइवान के पूर्ण एकीकरण के प्रयास को रोका नहीं जाएगा। यह ऐसा कुछ है, जिसे कोई ताकत नहीं रोक सकती। यह राष्ट्रीय हित का सबसे बड़ा मामला है।'

चीन के ताइवान के साथ संबंध साल 2016 में तब बिगड़ गए, जब राष्ट्रपति साई इंग-वेन सत्ता में आई। उनकी पार्टी ने ताइवान को चीन के हिस्से के तौर पर मान्यता देने से इन्कार कर दिया था। अभी कुछ दिन पहले चीन के राष्ट्रपति शी चिनफ‍िंग ने ताइवान से कहा था कि वह स्वतंत्रता की बात को छोड़कर ‘एक देश दो प्रणाली' के आधार पर चीन के साथ एकीकरण का रास्‍ता अपनाए। 

चीनी राष्‍ट्रपति ने दुनिया को यह भी चेतावनी दी थी कि यदि ताइवान स्वतंत्रता की मांग पर कायम रहता है तो वह सेना का इस्तेमाल करने से भी नहीं हिचकिचाएंगे। चिनफ‍िंग ने नेपाल में कहा था कि जो भी चीन को तोड़ने की कोशिश करेगा, उसकी हड्डियां तोड़ दी जाएंगी। बता दें कि ताइवान ऐसा द्वीप है जो 1950 से आजाद है लेकिन चीन उसे अपना विद्रोही राज्य  बताता है।

दबाव बनाने के लिए किए सैन्य अभ्यास

ताइवान पर दबाव बनाने के लिए चीन उसके समीप वाले इलाके में कई बार सैन्य अभ्यास कर चुका है। उसने ताइवान के पास पूर्वी चीन सागर में गत अगस्त और जुलाई में तीन बार सैन्य अभ्यास किए थे। दरअसल, ताइवान और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा संबंध चीन को पंसद नहीं है। गत अगस्त में अमेरिका ने ताइवान को 66 एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने की मंजूरी दी थी। इस पर चीन ने गहरी नाराजगी जाहिर की थी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.