भारत की टेंशन बढ़ाएगा चीन, म्यांमार में भी करेगा बंदरगाह का निर्माण
भारत के लिए यह गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि चीन पहले ही भारत के दो पड़ोसी देशों पाकिस्तान और श्रीलंका में बंदरगाहों का विकास कर रहा है।
बीजिंग, आइएएनएस। समुद्री सीमाओं से भारत को घेरने की कोशिशों में जुटा चीन अब म्यांमार में भी एक बंदरगाह का निर्माण करेगा। म्यांमार के क्याकप्यू शहर के पास बंगाल की खाड़ी में अरबों डॉलर की लागत से बंदरगाह विकसित करने के लिए दोनों देशों के बीच गुरुवार को समझौता हुआ। भारत के लिए यह गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि चीन पहले ही भारत के दो पड़ोसी देशों पाकिस्तान और श्रीलंका में बंदरगाहों का विकास कर रहा है।
चीन पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह विकसित कर रहा है तो श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल की लीज पर ले रखा है। इसके अलावा बांग्लादेश में चटगांव बंदरगाह के विकास में भी वह आर्थिक मदद मुहैया करा रहा है। भारत इसे हिंद महासागर में सामरिक रूप से उसे घेरने की चीन की चाल के रूप में देखता है।
म्यांमार ने देश में चीन के बढ़ते निवेश पर चिंता जताई थी और उसने चीन के निवेश की मात्रा को भी कम कर दिया था। इस प्रोजेक्ट के वित्तीय स्वरूप को लेकर दोनों देशों के बीच 2015 से ही बातचीत अटकी पड़ी थी। लेकिन ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक चीन इस प्रोजेक्ट के लिए 70 फीसद धन मुहैया कराएगा, जबकि बाकी के 30 फीसद धन की व्यवस्था म्यांमार करेगा। इस प्रोजेक्ट का निर्माण चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआइ) के तहत किया जाएगा। बीआरआइ को लेकर आशंका जताई जाती है कि इससे संबंधित देश कर्ज में डूब सकते हैं और उनकी संप्रभुता को खतरा हो सकता है।