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चीन में उइगर मुसलमानों के बाद अब तिब्बती बच्चों पर जुल्म, बौद्ध मठों में जाने पर लगाई रोक

चीन की एक काउंटी में तिब्बती बच्चों के स्थानीय मठों में अध्ययन पर पाबंदी लगा दी गई है। मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वाच ने इसका विरोध किया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 04:58 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 04:58 PM (IST)
चीन में उइगर मुसलमानों के बाद अब तिब्बती बच्चों पर जुल्म, बौद्ध मठों में जाने पर लगाई रोक

बीजिंग, आइएएनएस। तिब्बत से लगे चीन के किंघाई प्रांत की एक काउंटी में तिब्बती बच्चों के स्थानीय मठों में अध्ययन पर पाबंदी लगा दी गई है। मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने बीते दिसंबर से लागू इस रोक को शिक्षा और संस्कृति से जुड़े मूलभूत मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया है। चीन में संगठन की निदेशक सोफी रिचर्डसन ने कहा, इससे स्पष्ट है कि चीन तिब्बती संस्कृति और उनके धर्म को दबाने का लगातार प्रयास कर रहा है।

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शिक्षा ग्रहण करने मठों में जाते हैं तिब्बती छात्र

स्कूल की छुट्टियों के दौरान तिब्बती बच्चे अपनी भाषा और धर्म की शिक्षा लेने के लिए आसपास के मठों में जाते हैं। नौंगचेन काउंटी के अधिकारियों ने इसे अवैध बताते हुए इस पर रोक लगा दी है। उनका मानना है कि ऐसी शिक्षा से युवाओं को बरगलाया जाता है।

 उइगर मुसलमानों पर भी जुल्म कर रहा चीन

एचआरडब्ल्यू ने इसका जमकर विरोध किया है। संगठन का कहना है कि चीन के संविधान में सभी नागरिकों को उनके धर्म और संस्कृति का पालन करने की आजादी है। लेकिन वास्तविकता इसके उलट है। संगठन ने आरोप लगाया है कि चीन तिब्बत में रह रहे बौद्धों के साथ शिनजियांग प्रांत के उइगर मुसलमानों की भी धार्मिक आजादी में घुसपैठ कर रहा है।


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