Move to Jagran APP

अमेरिका में जो बाइडन के आह्वान पर क्‍वाड देशों की लामबंदी से बौखलाया चीन, जानें क्‍या कहा

अमेरिका में क्‍वाड देशों की लामबंदी को देखते हुए चीन आगबबूला हो गया है। चीन ने शुक्रवार को क्‍वाड गठबंधन की आलोचना की। चीन ने कहा कि क्‍वाड का गठन समय की प्रवृत्ति के खिलाफ है। क्‍वाड को कोई समर्थन नहीं मिलेगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 08:08 PM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 12:59 AM (IST)
अमेरिका में जो बाइडन के आह्वान पर क्‍वाड देशों की लामबंदी से बौखलाया चीन, जानें क्‍या कहा
अमेरिका में क्‍वाड देशों की लामबंदी को देखते हुए चीन आगबबूला हो गया है।

बीजिंग, पीटीआइ। भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान ने मिलकर जब से क्वाड का गठन किया है तब से चीन बौखलाया हुआ है। शुक्रवार को अमेरिका में क्वाड के पहले शिखर सम्मेलन से तिलमिलाए चीन ने इसको लेकर फिर अपनी भड़ास निकाली। उसने कहा कि इस संगठन का असफल होना निश्चित है।

loksabha election banner

व्‍यक्तिगत मौजूदगी वाला पहला शिखर सम्मेलन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने व्हाइट हाउस में क्वाड के पहले शिखर सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें उनके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारीसन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिंदे सुगा शामिल हुए। व्यक्तिगत उपस्थिति वाला यह पहला शिखर सम्मेलन है।

हितों को लक्षित ना करें 

इससे पहले मार्च में डिजिटल माध्यम से शिखर सम्मेलन हो चुका है। क्वाड के पहले शिखर सम्मेलन के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि चार देशों के समूह को किसी तीसरे देश और उसके हितों को लक्षित नहीं करना चाहिए।

क्‍वाड का असफल होना निश्‍च‍ित 

झाओ ने कहा कि चीन का हमेशा से यह मानना रहा है कि किसी तीसरे देश के खिलाफ छोटा गठबंधन बनाना समय के प्रवाह और क्षेत्र के देशों की आकांक्षा के खिलाफ है। ऐसे गठजोड़ को समर्थन नहीं मिलेगा और उसका असफल होना निश्चित है। दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे का बचाव करते हुए झाओ ने कहा, 'चीन विश्व शांति का निर्माता, वैश्विक विकास का योगदानकर्ता और विश्व व्यवस्था का धारक है।'

द्विपक्षीय संबंधों के लिए यह सबकुछ नहीं

बीजिंग में चीन ने क्वाड को लेकर अपनी खिसियाहट दिखाई तो नई दिल्ली में उसके राजदूत ने द्विपक्षीय संबंधों को लेकर नसीहत दे डाली। पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच जारी सैन्य गतिरोध के बीच चीनी राजदूत सुन वीडांग ने कहा कि भारत के साथ सीमा पर शांति और सौहार्द महत्वपूर्ण है, लेकिन द्विपक्षीय संबंधों में यह सबकुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि संबंधों की वर्तमान स्थिति स्पष्ट रूप से दोनों पक्षों के मौलिक हित में नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.