चीन और उत्तर कोरिया अपने रिश्ते और मजबूत करने पर सहमत
अंतरराष्ट्रीय मंच पर चीन उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों का विरोध करता है।
बीजिंग, रायटर। परमाणु हथियार विवाद के बीच चीन और उत्तर कोरिया अपने संबंधों को और मजबूत करने पर सहमत हैं। चीन ने दोस्ती को दोनों देशों के नागरिकों की बहुमूल्य संपदा करार दिया है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग के विशेष दूत की उत्तर कोरिया प्रशासन के साथ पहले दौर की बातचीत में दोनों देशों ने अपने संबंध और प्रगाढ़ करने के प्रति उत्सुकता दिखाई है। इस बातचीत में उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों और मिसाइल विकास कार्यक्रम पर कोई चर्चा नहीं हुई। उल्लेखनीय है कि चीन उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी है।
चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी विदेशी मामलों के प्रमुख सोंग ताओ राष्ट्रपति चिनफिंग के विशेष दूत के रूप में इन दिनों उत्तर कोरिया के दौरे पर हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीजिंग दौरे के बाद हो रही विशेष दूत की यात्रा से उम्मीद है कि चीन उत्तर कोरिया पर परमाणु हथियारों को खत्म करने के लिए दबाव बनाएगा। सोंग की कोरियाई उच्च अधिकारी चो योंग हे के साथ शुरुआती बातचीत में दोनों देशों ने अपने संबंध और प्रगाढ़ करने पर सहमति जताई है। चीनी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि दोनों देशों ने आपसी हितों के क्षेत्रों और परंपरागत दोस्ती को बढ़ाने का फैसला किया है। वार्ता में चीनी विशेष दूत ने चीन में हुए कम्युनिस्ट पार्टी के 19 वें महाधिवेशन में लिए गए निर्णयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। शुक्रवार को प्योंगयांग पहुंचे सोंग ताओ का दौरा कितने दिनों का होगा, यह अभी निश्चित नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर चीन उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों का विरोध करता है। वह उत्तर कोरिया के साथ चल रहे अमेरिकी गतिरोध को वार्ता के जरिये दूर करने पर भी जोर देता है। लेकिन उत्तर कोरिया को वह किन मुद्दों पर वार्ता के लिए तैयार कर पाएगा, यह देखा जाना बाकी है। वैसे शुक्रवार को ही संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के राजदूत ने साफ कर दिया है कि उनका देश अपने परमाणु हथियारों पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं है।
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