'चीन में अकेले व्यवस्था को बदलने की ताकत', अमेरिकी विदेश मंत्री ने चेताया और इन खतरों के बारे में बताया
ब्लिंकन ने मंगलवार को कांग्रेस सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि चीन के साथ अमेरिका का रिश्ता बेहद जटिल और परिणामस्वरूप मुश्किल भरा रहने वाला है। उन्होंने कहा कि चीन एक अकेला ऐसा देश है जो अमेरिका की स्थापित व्यवस्था को कायम रखने में मददगार है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने कहा कि चीन अकेला ऐसा देश है जो अमेरिका और उनके सहयोगी देशों से समर्थित सैन्य, आर्थिक, कूटनीतिक और राजनीतिक रूप से व्यवस्था की नियमावली को बदल सकता है।
ब्लिंकन ने मंगलवार को कांग्रेस सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि चीन के साथ अमेरिका का रिश्ता बेहद जटिल और परिणामस्वरूप मुश्किल भरा रहने वाला है। उन्होंने कहा कि चीन एक अकेला ऐसा देश है जो अमेरिका की स्थापित व्यवस्था को कायम रखने में मददगार है। इससे इतने सालों में सुरक्षा और समृद्धि बढ़ी है। वर्ष 2022 के बजट की सीनेट की कमेटी की सुनवाई चल रही है। इस दौरा ब्लिंकन ने अमेरिका-चीन के संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर विचार करते हुए कहा कि यह देश बेहद प्रतिस्पद्र्धावादी है। और उसके पास उसका साथ देने वाले कुछ साथी भी हैं। लेकिन इसमें असल बात यह है कि इन सब संबंधों के साथ उसे वह पोजिशन भी हासिल है जो उसे ताकतवर बनाती है।
ब्लिंकन ने कहा कि हमारे पास गठजोड़ों और साझेदारियों की अनूठी रणनीति है। हमारी सैन्य क्षमता और प्रतिरोधक क्षमता भी है। कुछ साल पहले हमने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में ऐसा करना शुरू किया था। यहां हमारी 60 फीसद नौसेना मौजूद है। हम कड़ा जवाब दे सकें इसके लिए जरूरी है जरूरी कदम उठाना सुनिश्चित करें।
चीन ने दावा किया है कि दक्षिणी चीन सागर में 13 लाख वर्ग मील क्षेत्र पर अपनी संप्रभुता का दावा कर चुका है। वह इस क्षेत्र में अप्राकृतिक द्वीप बनाकर अपने सैन्य अड्डे बना रहा है। जबकि इन इलाकों पर ब्रूनेई, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम भी दावा करते हैं।