चीन के विशाल बाजार में भारतीय अंगूरों का निर्यात बढ़ाने के प्रयास
चीन के कुल अंगूर आयात में भारत की सप्लाई सिर्फ एक फीसद है जबकि भारत के कुल अंगूर निर्यात में चीन को सप्लाई भी महज दो फीसद है। भारत से इसका कुल निर्यात भी 30 करोड़ डॉलर का है।
बीजिंग, प्रेट्र। भारत ने चीन के बाजार में अंगूरों का निर्यात बढ़ाने के लिए प्रयास तेज किए हैं। इन्हीं प्रयासों के तहत चीन के आयातकों का एक समूह जल्दी ही भारत का दौरा करेगा। प्रयासों के चलते भारत से चीन को अंगूरों का निर्यात बढ़ रहा है हालांकि चीन के कुल अंगूर आयात में भारत की सप्लाई सिर्फ एक फीसद है जबकि भारत के कुल अंगूर निर्यात में चीन को सप्लाई भी महज दो फीसद है।
चीन में भारतीय दूतावास के बयान के अनुसार भारत से चीन को अंगूरों का निर्यात पिछले साल बढ़कर 67 लाख डॉलर (47 करोड़ रुपये) का हो गया जबकि 2016 में 35 लाख डॉलर (24.50 करोड़ रुपये) का निर्यात किया गया था। चीन हर साल करीब 63 करोड़ डॉलर (4400 करोड़ रुपये) के अंगूरों का आयात करता है। भारत से इसका कुल निर्यात भी 30 करोड़ डॉलर (2100 करोड़ रुपये) का है।
चीन के विशाल अंगूर बाजार में पहुंच बढ़ाने के लिए बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास और गुआंगजाउ और शंघाई स्थित वाणिज्य दूतावासों ने कई कदम उठाए हैं। एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डवलपमेंट अथॉरिटी (अपीडा) के सहयोग से भारतीय राजनयिक कार्यालय क्रेता-विक्रेता कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।
दूतावास के बयान के अनुसार इस कार्यक्रम में चीन से करीब 23 आयातकों और 100 से ज्यादा भारतीय निर्यातकों ने हिस्सेदारी की। उन्होंने इस कार्यक्रम में उत्पादों की प्रदर्शनी भी आयोजित की। अपीडा चीन के आयातकों का भारत की अंगूर राजधानी के रूप में मशहूर नासिक में दौरा कराएगी। नासिक से पचास फीसद अंगूरों का निर्यात होता है।
भारतीय कृषि उत्पादों में अंगूरों में भी चीन के आयातकों की दिलचस्पी बढ़ रही है। चीन के अधिकारियों ने इस साल जून में गैर बासमती चावल और सितंबर में सरसों खली के आयात की अनुमति दी थी। वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच समिट के बाद भारत से चीन को निर्यात बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं ताकि भारत के 51 अरब डॉलर के व्यापार घाटे को कम किया जा सके।