Move to Jagran APP

चीन की देशवासियों से अपील, ना जाएं अमेरिका, वहां नहीं सब ठीक

चीनी पर्यटकों को सार्वजनिक सुरक्षा की स्थिति और पर्यटन स्थलों से संबंधित कानूनों और नियमों के बारे में जानकारी के लेने के लिए कहा गया है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Tue, 04 Jun 2019 05:03 PM (IST)Updated: Tue, 04 Jun 2019 05:03 PM (IST)
चीन की देशवासियों से अपील, ना जाएं अमेरिका, वहां नहीं सब ठीक

बीजिंग, पीटीआइ। चीन ने मंगलवार को देशवासियों से अमेरिका की यात्रा करने को लेकर चेतावनी जारी की है। चीन का मानना है कि उनके और अमेरिका के बीच कारोबारी तनाव काफी बढ़ गया है, इसको लेकर उसके नागरिकों वहां पर उत्पीड़न और सार्वजनिक सुरक्षा का शिकार हो सकते है। बता दें कि यह चेतावनी चीन के एक दिन पहले किए अपने छात्रों से अमेरिका में पढ़ाई ना करने के आगाह के बाद आई।

loksabha election banner

चीन के संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय ने मंगलवार को अमेरिका में यात्रा करने वाले चीनी पर्यटकों के लिए अलर्ट जारी किया। उनका मानना है कि इससे अमेरिकी यात्रा उद्योग बुरी तरह से प्रभावित होगा। मंत्रालय ने हाल ही में अमेरिका में हुई गोलीबारी, डकैती और चोरी की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए चीनी पर्यटकों को अमेरिका की यात्रा के जोखिमों का पूरी तरह से आकलन करने की चेतावनी दी है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी पर्यटकों को सार्वजनिक सुरक्षा की स्थिति और पर्यटन स्थलों से संबंधित कानूनों और नियमों के बारे में जानकारी के लेने के लिए कहा गया है। बता दें कि ये यात्रा की चेतावनी इस साल की अंत तक जारी रहेगी। वहीं, एक दशक से दोनों देशों के बीच व्यापार घर्षण के बाद पिछले साल अमेरिका में चीनी पर्यटकों की संख्या में 15 साल में पहली बार गिरावट देखने को मिली।

वहीं, अमेरिका की यात्रा के अलर्ट का बचाव करते हुए, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा 'चीन ने वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह निर्णय लिया।' बता दें कि दोनों देशों पिछले एक साल से व्यापार को लेकर बढ़ते संघर्ष में फंसे हुए हैं। हाल के महीनों में संघर्ष और बढ़ गया क्योंकि वाशिंगटन ने चीनी टेलीकॉम दिग्गज कंपनी हुवेई पर प्रतिबंध लगा दिया।

बढ़ते व्यापार युद्ध पर गेंग ने कहा, 'अमेरिका जाने वाले चीनी लोगों को प्रवेश के दौरान और प्रवेश के बाद विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ता, उन्हें परेशान किया जाता। इसलिए हमें केवल इस तरह का नोटिस जारी करना आवश्यक है'। उन्होंने कहा कि चीन ने छात्रों को भी चेतावनी जारी की थी।

बता दें कि कारोबारी तनाव के बीच चीन ने अमेरिका में पढ़ने की चाहत रखने वाले अपने छात्रों को आगाह किया है कि वे किसी खतरे में पड़ सकते हैं। छात्रों और शिक्षकों से कहा गया है कि अमेरिकी की ओर से उन्हें वीजा देने से मना किया जा सकता है या वीजा देने में देरी की जा सकती है।

चीन ने यह चेतावनी ऐसे समय पर जारी की है जब दोनों देशों में कारोबारी तनाव दूर करने के लिए हो रही वार्ता में गतिरोध आ गया है। अमेरिका, चीन पर यह आरोप भी लगाता आ रहा है कि वह विवादित दक्षिण चीन सागर का सैन्यीकरण कर रहा है। हाल के कुछ महीनों में अमेरिका के कई अधिकारी और सांसद यह चिंता भी जाहिर कर चुके हैं कि चीन की कम्युनिस्ट सरकार चीनी छात्रों और शिक्षकों का जासूस के तौर पर इस्तेमाल कर सकती है।

विदेशी छात्रों में एक तिहाई चीनी
पिछले साल अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करने वाले विदेशी छात्रों में करीब एक तिहाई चीनी थे। अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पिछले साल करीब तीन लाख 60 हजार चीनी छात्रों ने दाखिला लिया था।

14 अरब डॉलर का योगदान
चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने अमेरिकी डाटा के हवाले से अनुमान लगाया है कि 2017 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में चीनी छात्रों ने 14 अरब डॉलर (करीब 97 हजार करोड़ रुपये) का योगदान दिया था।

अनावश्यक बाधाएं खड़ी कर रहा अमेरिका
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने सोमवार को कहा, 'दोनों देशों के लोगों के बीच आदान-प्रदान में अमेरिका अनावश्यक बाधाएं खड़ी कर रहा है। इसका चीन और अमेरिका के शिक्षा क्षेत्रों के साथ ही वहां पढ़ रहे चीनी छात्र भी व्यापक विरोध कर रहे हैं।'

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.