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दुनियाभर में वायरस फैलाने के बाद अब चीन ने लगाया वन्य जीवों के मांस की बिक्री पर प्रतिबंध

चीन ने कोरोना वायरस फैल जाने के बाद अब जंगली जानवरों के मांस की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 06:15 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 06:15 PM (IST)
दुनियाभर में वायरस फैलाने के बाद अब चीन ने लगाया वन्य जीवों के मांस की बिक्री पर प्रतिबंध

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। कोरोना वायरस के दुष्परिणामों का सामना कर रहे चीन ने अब देश में वन्य जीवों के मांस के कारोबार पर फिलहाल अस्थायी रोक लगा दी। वैज्ञानिकों का मानना है कि संभवतः कोरोना वायरस जंगली जानवरों के मांस खाने से पहले किसी इंसान में फैला उसके बाद ये संक्रमण अब विश्व के तमाम देशों में पहुंच चुका है। अब यहां सरकार की ओर से एक आदेश जारी कर दिया गया है। इस आदेश के मुताबिक राष्ट्रीय महामारी की स्थिति पर काबू पाए जाने तक वन्य जीवों की सभी प्रजातियों के पालन, परिवहन और बिक्री पर रोक रहेगी। प्रतिबंध का आदेश कृषि मंत्रालय, बाजार नियमन करने वाले राज्य प्रशासन ने दिया है।

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107 की ले चुका जान

एक सप्ताह से कम समय में कोरोना वायरस ने अब तक 107 लोगों की जान ले ली है। दुनियाभर के तमाम देशों में इसके संक्रमित मरीज भी पाए जा रहे हैं। चीन में पर्यटकों का आना-जाना आदि सब बंद हो गया है। अर्थव्यवस्था पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। पूरा प्रशासन इस वायरस की रोकथाम के लिए लगा हुआ है। नए अस्पताल बनाए जा रहे हैं और इस बीमारी से निपटने के लिए टीके की खोज की जा रही है। 

वुहान से फैला, वहां मिलता है अजीबोगरीब जीवों का मांस

यह विषाणु वुहान शहर के बाजार से फैला है। बताया जाता है कि इस बाजार में तमाम तरह के संरक्षित माने जाने वाले और अजीबोगरीब जानवरों की मांस भी खाने के लिए आसानी से मिल जाती है। वैसे भी चीन में सीफूड खाने का चलन है। सीफूड के अलावा यहां वन्य जीवों की बिक्री खाने के लिए की जाती है। संरक्षणवादी लंबे समय से चीन पर आरोप लगा रहे हैं कि वह खाने और पारंपरिक दवाओं में इस्तेमाल के लिए पैंगोलिन और बाघ जैसी दुलर्भ प्रजातियों सहित वन्य जीवों के कारोबार पर ढुलमुल रवैया अपना रहा है।

जानवरों में पाए जाने वाले रोगाणुओं से फैला कोरोना वायरस

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस कारोबार से लोगों की सेहत को खतरा है क्योंकि जानवरों में पाए जाने वाले रोगाणुओं के इंसानों में फैलने की संभावना है जो सामान्यत: उनके संपर्क में नहीं आते। साल 2002-2003 में फैले एसएआरएस (सिवीयर एक्यूट रेस्परेटरी सिंड्रोम) विषाणु की वजह से चीन और हांगकांग में सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी। वैज्ञानिकों का मानना है उस समय भी संक्रमण की शुरुआत जंगली जानवरों के खाने से हुई थी।

चीन में महामारियों के जिम्मेदार जंगली जानवर

इससे पहले भी चीन में फैलीं जानलेवा महामारियों का कारण भी जंगली जानवर ही थे। गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (सार्स) चीन में कस्तूरी बिलाव खाने से संबंधित था। ताजा वायरस के प्रकोप से चीनी अधिकारियों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। ये माना जा रहा है कि यहां वन्यजीव तस्करी की निगरानी में ढिलाई बरती गई जिसकी वजह से ये प्रदूषित जंगली जानवर मार्केट में बेचे गए और लोगों ने इसका सेवन किया उसके बाद वो बीमार हुए।

इंटरनेट पर उपलब्ध रेट लिस्ट

इंटरनेट पर उपलब्ध रेट लिस्ट के अनुसार यहां जीवित लोमड़ी, मगरमच्छ, भेड़िया, सलामैंडर, सांप, चूहे, मोर, साही और ऊंट के मांस सहित 112 आइटम उपलब्ध हैं। जैसे भारत में ताजा कटा हुआ फल कहकर दुकानदार अपने सामान बेचते हैं ठीक उसी तरह से इस बाजार में भी ताजा कटा हुआ, जमा हुआ और आपके दरवाजे तक, पहुंचाने की जिम्मेदारी लेकर इन जानवरों की मांस बेची जाती है। 

जानवरों के व्यापार पर है प्रतिबंध

चीन के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के निदेशक गाओ फू ने कहा कि अधिकारियों का मानना है कि संभव है कि ये वायरस सीफूड मार्केट में जंगली जानवर से आया है। चीन में कई जंगली जानवरों के व्यापार पर प्रतिबंध है और इसके लिए विशेष लाइसेंस लेना पड़ता है, लेकिन नियम ढीले हैं। इसी वजह से ये बीमारी इतने बड़े पैमाने पर फैली है।

जंगली जानवरों को न खाने की अपील

प्रशासन की ओर से घोषणा की गई कि सभी कारोबार, बाजार, खाद्य एवं पेय पदार्थ विक्रेताओं और ई-कॉमर्स पर वन्य जीवों के किसी भी कारोबार पर कड़े प्रतिबंध हैं। आदेश में कहा गया कि ग्राहक स्वास्थ्य खतरे को समझें और जंगली जानवरों को खाने के बजाय सेहत के लिए उचित खाना खाए। इस बीच महामारी से बचने के लिए तैयारी की जा रही है।

भेड़िये के बच्चे से लेकर कस्तूरी बिलाव तक मिलते खाने को

चीन के शंघाई शहर में खाद्य पदार्थों का सबसे बड़ा बाजार है। ये बाजार वुहान शहर में है। इसी बाजार में सबसे पहले कोरोना वायरस के सामने आने की बात कही जा रही है। इनमें कस्तूरी बिलाव जैसे कई ऐसे जीव हैं, जिसका संबंध चीन में पहले भी महामारियां फैलाने से रहा है। इस बाजार में खाने के लिए भेड़िये के बच्चे से लेकर कस्तूरी बिलाव जैसी विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीव मिलते हैं। 


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