कोरोना के बाद चीन के कई इलाकों में बाढ़ का कहर, 106 मरे, लाखों का नुकसान
कोरोनावायरस के बाद चीन में बाढ़ ने कहर बरपाया है। बाढ़ की वजह से अब तक 106 लोगों के मारे जाने की सूचना है। इससे लाखों रूपये का नुकसान भी हुआ है।
नई दिल्ली, न्यूयॉर्क टाइम्स न्यूज सर्विस। चीन में भी बरसात ने कहर मचा रखा है। यहां हुई बरसात की वजह से अब तक 106 लोगों के मारे जाने की खबर है। चीन के शहर यिचांग में बरसात की वजह से गंदा पानी लोगों की कमर तक भर गया है।
यहां की सड़क पर पानी इतना अधिक हो गया है कि उससे लोगों की कारें फंस जा रही है वो उसे सड़क पर चला नहीं पा रहे हैं। सड़कें नहर बनी हुई है। पर्यटन शहर यंगशुओ ने बादल फटने की भी घटना हो चुकी है। इस असामान्य रूप से तेज बारिश के कारण दक्षिणी चीन में काफी नुकसान हुआ है। बाढ़ में 15 लाख लोग प्रभावित हैं।
बरसात के पानी से सबसे अधिक प्रभावित हुबेई प्रांत है। बरसात से पहले से इलाका कोरोनावायरस के प्रकोप से प्रभावित रहा है। अब यहां बरसात ने कहर मचा रखा है। यहां इतना अधिक पानी जमा हो गया है कि लोगों को इलाका छोड़कर दूसरी जगह जाना पड़ रहा है। कोरोनावायरस के कारण चीन का ये प्रांत काफी समय तक पूरी तरह से बंद था, अब जब यहां पर कुछ गतिविधियां शुरू हुई तो बाढ़ ने कहर मचा दिया।
अभी कोरोनावायरस से यहां के लोग पूरी तरह से बाहर नहीं निकल पाए हैं इस बीच बरसात ने हालात और भी अधिक खराब कर दिए हैं। यहां के लोगों का कहना है कि वो कोरोना से पहले से परेशान थे अब इससे उनको एक और झटका लगा है। बताया जाता है कि जून माह में इस समय भारी बारिश के कारण चीन की नदियों में पानी बढ़ जाता है, इस वजह से बाढ़ आ जाती है।
वैसे हर साल सरकार बाढ़ से निपटने के लिए पहले से तैयारी कर लेती है मगर इस बार कोरोनावायरस की वजह से तैयारी करने का मौका नहीं मिल पाया। जिसकी वजह से हालात खराब हो गए। कोरोनावायरस के बाद इस बड़ी प्राकृतिक आपदा ने बाढ़ से बचने का उपाय करने का मौका ही नहीं दिया।
मूसलाधार बारिश के बारे में आधिकारिक अलर्ट के लगातार 31 दिनों के बाद, उथल-पुथल के मौसम में हार मानने के संकेत कम दिखाई देते हैं। शुक्रवार को, राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने शनिवार से चीन के दक्षिण-पश्चिम में एक और बरसात का अनुमान बताया है।
विशेषज्ञों ने जलाशयों और बांधों पर संभावित भूस्खलन और फटने की चेतावनी दे रहे हैं। चीन में सबसे छोटे जलाशयों का निर्माण 1960 और 70 के दशक में किया गया था, उस दौरान इनके निर्माण में उच्च निर्माण मानकों का पालन नहीं किया गया था।