वैज्ञानिकों ने बनाया कार्बन उत्सर्जन को कम करने वाला विशेष पाउडर
ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारणों में है कार्बन उत्सर्जन। वैज्ञानिक दिन प्रतिदिन ऐसे आविष्कार कर रहे हैं, जिनसे कार्बन का उत्सर्जन कम किया जा सके।
टोरंटो, प्रेट्र। ग्लोबल वार्मिंग भविष्य और वर्तमान के लिए बड़ी समस्या बना हुआ है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है और वैश्विक तापमान बढ़ रहा है। पृथ्वी के गर्म होने के कारण मौसम का मिजाज भी बदल रहा है। ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारणों में है कार्बन उत्सर्जन। वैज्ञानिक दिन प्रतिदिन ऐसे आविष्कार कर रहे हैं, जिनसे कार्बन का उत्सर्जन कम किया जा सके।
वैज्ञानिकों ने एक ऐसा पाउडर विकसित किया है जिसकी मदद से फैक्ट्रियों और पॉवर प्लांटों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को रोका जा सकता है। कनाडा की वाटरलू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के द्वारा बनाए गए पाउडर से जीवाश्म ईधन के द्वारा संचालित फैक्ट्रियों से निकले धुएं से कार्बन डाइ ऑक्साइड को वातावरण में घुलने से रोका जा सकता है। यह तरीका किसी भी परंपरागत तरीके से दोगुना असरकारी है।
वाटरलू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर झोंगवेई चेन ने कहा कि यह भविष्य में बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। हमें जीवाश्म ईधन से निकलने वाले कार्बन डाई आक्साइड को रोकने के सभी रास्ते खोजने होंगे। कार्बन डाई आक्साइड के अणु जब कार्बन के संपर्क में आते हैं तो उसकी सतह से चिपक जाते हैं जिस प्रक्रिया को हम अवशोषण कहते हैं। यह विधि सस्ती और पर्यावरण के अनुकूल है। इसलिए कार्बन डाइ आक्साइड को सोखने के लिए कार्बन एक उत्कृष्ट पदार्थ है।
शोधकर्ताओं ने इस अवशोषण की विधि को और ज्यादा कारगर बनाने के लिए कार्बन सामाग्री के छिद्रों के आकार और उसकी क्षमता में बढ़ोतरी की। इस तकनीक को विकसित करने के लिए उन्होंने कार्बन पदार्थों में गर्मी और नमक का इस्तेमाल किया। कार्बन के अणु जिनसे पाउडर बनता है। उनमें कई छिद्र होते हैं और उनमें से अधिकांश का व्यास एक मीटर के 10वें लाख हिस्से से भी कम होता है। इन छिद्रों में कार्बन डाइ आक्साइड को शोषित किया जाता है। जीवाश्म ईंधन से संचालित पावर प्लांट में प्रचुर मात्रा में कार्बन डाई सोखने के बाद इस पाउडर को जमीन में दफना दिया जाएगा।
कार्बन उत्सर्जन में तीसरे नंबर पर है भारत कार्बन उत्सर्जन के मामले में भारत का स्थान तीसरे नंबर पर है। भारत से पहले चीन और अमेरिका इस लिस्ट में हैं। चीन पहले नंबर पर तो अमेरिका दूसरे नंबर पर है। भारत में कार्बन उत्सर्जन की दर इस वर्ष 2017 की तुलना में 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ी है और इसके 2.62 बिलियन टन छूने की आशंका है। चीन में 10.3 बिलियन टन कार्बन का उत्सर्जन हुआ है जिसमें कि पिछले साल की तुलना में 4.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस साल पूरे विश्व में 37.2 बिलियन टन कार्बन का उत्सर्जन हुआ है।