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हमारी खुशियां बढ़ाती हैं हरी-भरी जगहें, इस तरह किया अध्ययन

कनाडा की वाटरलू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया कि शहरों में प्रकृति को जीवंत रखने से सामाजिक अलगाव को कम किया जा सकता है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 11 Mar 2019 11:28 AM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2019 11:29 AM (IST)
हमारी खुशियां बढ़ाती हैं हरी-भरी जगहें, इस तरह किया अध्ययन
हमारी खुशियां बढ़ाती हैं हरी-भरी जगहें, इस तरह किया अध्ययन

टोरंटो, प्रेट्र। चकाचौंध और अत्यंत विकसित जगहों की तुलना में हरे-भरे इलाके, सड़क के दोनों ओर दीवारों पर विविध प्रकार की पेंटिग्स और सस्ते, सरल डिजाइन में विकसित शहर आपकी खुशी को ज्यादा बढ़ाते हैं। यह एक मनोवैज्ञानिक कारण है जिसकी वजह से केवल आपकी खुशी ही नहीं बढ़ती बल्कि, आपका लोगों के प्रति विश्वास बढ़ता है। कनाडा के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन में यह बातें सामने आईं है। सिटी एंड हेल्थ जर्नल नें प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि जिन शहरों के निर्माण में प्रकृति के साथ कम छेड़छाड़ की गई और उन्हें इस तरह से विकसित किया गया, जिससे हरियाली और खुली जगहें बरकरार रहें वहां के लोगों का मानसिक स्तर अन्य की तुलना में उच्च पाया गया।

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कनाडा की वाटरलू यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही हन्ना नेगामी ने बताया कि बेशक उन शहरों का डिजाइन सस्ता, सरल और कम लागत वाला है पर यह लोगों के जीवन में भावनात्मक और सामाजिक सुधार की काफी संभावनाएं रखता है। नेगामी ने बताया कि अन्य शहरों में कंक्रीट की रोड के किनारे हरियाली उगाकर और आस-पास की दीवारों पर विविध प्रकार की पेंटिग्स कर उन सार्वजनिक स्थानों को भी समृद्ध बनाया जा सकता है। वाटरलू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कॉलिन एलार्ड ने बताया कि हम यह जानते हैं कि किसी शहर के डिजाइन का उसके नागरिकों पर प्रत्यक्ष मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है।

इस तरह किया अध्ययन

अध्ययन के लिए प्रतिभागियों को वैंकूवर के पश्चिम की ओर कुछ पड़ोस की जगहों पर एक पैदल ट्रिप पर ले जाया गया और छह स्टाप पर स्मार्टफोन एप्लिकेशन के माध्यम से प्रश्नों का उत्तर देने के लिए कहा गया। उनको दो गलियों में ले जाया गया। जिनमें एक हरी-भरी और दूसरी कंक्रीट की थी। इसके बाद आए परिणामों पर पाया गया कि हरी-भरी जगहें ज्यादा खुशी देती हैं। इनके माध्यम से सामाजिक संबंधों को बढ़ावा देने और अलगाव को कम करने में भी मदद मिल सकती है। शोधकर्ताओं ने आशा जताई है कि ये निष्कर्ष अंतत: शहरों में रहने वाले लोगों के अनुभवों को बेहतर बनाने में मदद देंगे। शोधकर्ताओं ने बताया कि अब हम यह बताने में सक्षम हैं कि लोगों को मनोवैज्ञानिक रूप से सुदृढ़ बनाने में शहरों का डिजाइन किस तरह का होना चाहिए। 


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