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'आधार' डाटा को लेकर चिंता जायज, इस पर बात होनी चाहिएः जैरेड कोहेन

जैरेड कोहेन ने कहा कि आधार को लेकर भारत में गंभीर रूप से चिंता हो रही है और इसका समाधान जरूरी है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Wed, 16 May 2018 02:34 PM (IST)Updated: Wed, 16 May 2018 04:27 PM (IST)
'आधार' डाटा को लेकर चिंता जायज, इस पर बात होनी चाहिएः जैरेड कोहेन
'आधार' डाटा को लेकर चिंता जायज, इस पर बात होनी चाहिएः जैरेड कोहेन

वैंकूवर (आइएएनएस)। आधार डाटा को लेकर चल रही बहस पर एक और पूर्व अमेरिकी अधिकारी ने चिंता व्यक्त की है। जैरेड कोहेन ने कहा कि आधार पर भारत की चिंता जायज है और इसका समाधान जरूरी है। जैरेड ने साथ ही ये भी कहा कि वो भारत की राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते लेकिन आधार कार्ड के लिए लोगों की निजी जानकारी इकट्ठा की जा रही है जिस पर बात जरूर होनी चाहिए। जैरेड यहां तीसरे वार्षिक बीसीटेक सम्मेलन में पहुंचे थे। कोहेन ने आगे कहा कि आधार सिस्टम की खूबियों पर बहस हो रही है लेकिन कुछ विषय ऐसे हैं जिन पर चर्चा होनी जरूरी है।

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कोहेने ने इस मामले पर आगे टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट के विचारधीन है। आधार की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। जिसमें सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने, बैंक खाता खुलवाने और फोन कनेक्शन लेने के लिए आधार की अनिवार्यता हटाने की अपील की गई है। सुप्रीम कोर्ट के बारे में पूछे जाने पर कोहेन ने कहा कि वह भारत की राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते। कोहेन ने यहां एक सेशन में कहा कि डाटा इंसान की रची गई सबसे मूल्यवान चीज है, लेकिन साइबर क्राइम भी बढ़ रहा है। कोहेन फिलहाल गूगल से संबंधित कंपनी जिग्सॉ के सीईओ हैं, जो कि ऑनलाइन खतरों से सुरक्षा संबंधी काम देखती है। 

फेक न्यूज पर भी जताई चिंता
कोहेन ने यहां फेक न्यूज पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने फेक न्यूज को सरकार द्वारा पोषित गलत सूचना फैलाने का एक और अभियान बताया। कोहेन ने कहा कि इसके जरिए सरकार गलत सूचना से लोगों को प्रभावित करती है और देशभक्ति के नाम पर लोगों को ऑनलाइन धमकाने का काम करती है। कोहेन के मुताबिक 194 देश हर रोज एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं, जिसमें कि कॉरपोरेट जासूसी भी शामिल है। कोहेन ने कहा कि इससे पहले कि आपको महसूस हो, सूचना की सुरक्षा में रियल टाइम में सेंध लग चुकी होती है। ये वो चुनौती है जिस पर सरकार को उचित कार्रवाई करने की जरूरत है।

एंथनी सालासिटो ने कहा- वक्त बदल गया है
समिट के शुरुआती सेशन में बोलते हुए माइक्रोसॉफ्ट के वाइस प्रेसिडेंट, एजुकेशन एंथनी सालासिटो ने कहा कि तकनीक के आ जाने से शिक्षकों को अपनी भूमिका के बारे में दोबारा से नहीं सोचना है, बल्कि यह उल्टा है। दरअसल, शिक्षा विकास का इंजन है और सीखने की प्रक्रिया बदल गई है। उन्होंने कहा कि अब बस शिक्षा की जगह और माध्यम बदल गए हैं। एंथनी ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जरूर हर क्षेत्र में एक भूमिका अदा कर सकती है। एंथनी के मुताबिक AI की शुरुआत डाटा एकत्रित करने से होती है, जिसके आधार पर अनुमान लगाकर बेहतरीन परिणाम हासिल किए जा सकते हैं। एंथनी ने इस दौरान भारत में केरल और आंध्र प्रदेश के 'प्रोजेक्ट संगम' का भी जिक्र किया। इसके अलावा एंथनी ने ये भी बताया कि कैसे माइक्रोसॉफ्ट ने डिस्लेक्सि बच्चों की मदद के लिए लर्निंग टूल विकसित किया है।  

क्या है बीसी टेक
बीसी टेक एक वार्षिक आयोजन है, जिसमें दुनियाभर की तकनीकी कंपनियां एक दूसरे से आइडियाज़ शेयर करती हैं और भविष्य की संभावनाओं पर बात होती है। माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, अमेजन समेत करीब 270 कंपनियां इस आयोजन का हिस्सा होती हैं। तीन दिवसीय इस समिट का आयोजन ब्रिटिश कोलंबिया सरकार और ब्रिटिश कोलंबिया इनोवेशन काउंसिल की ओर से किया गया। 


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