उइगर मुसलमानों के क्रूर दमन के खिलाफ कनाडा में फिर उठी आवाज, चीनी वाणिज्य दूतावास के बाहर प्रदर्शन
उइगर मुसलमानों के क्रूर दमन और दो कनाडाई नागरिकों को हिरासत में लिए जाने के विरोध में चीन की सरकार के खिलाफ कई बार प्रदर्शन हो चुके हैं। रविवार को एक बार फिर प्रदर्शनकारियों ने आर्ट गैलरी से लेकर कनाडा के वैंकूवर स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास तक मार्च किया।
वैंकूवर, एजेंसी। उइगर मुसलमानों के क्रूर दमन और दो कनाडाई लोगों को हिरासत में लिए जाने के विरोध में रविवार को एक बार फिर सैकड़ों लोगों ने चीनी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आर्ट गैलरी से लेकर कनाडा के वैंकूवर स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास तक मार्च किया। प्रदर्शनकारियों ने उइगर मुस्लिम समुदाय और अन्य जातीय समूहों के खिलाफ चीनी सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के खिलाफ वैंकूवर में स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान चीन के खिलाफ जमकर नारे लगाए गए। प्रदर्शन में 500 से अधिक लोगों ने भाग लिया। सभी प्रदर्शनकारियों ने मास्क पहन रखा था और इस दौरान शारीरिक दूरी के नियम का भी पालन किया गया।
चीन के खिलाफ वैंकूवर में पहले भी उठ चुकी है आवाज
इसके पूर्व भी वैंकूवर में तिब्बती प्रवासी और भारतीय मूल के लोगों सहित विभिन्न संगठनों के सदस्यों ने 26 जुलाई को वैंकूवर आर्ट गैलरी में चीनी वाणिज्य दूतावास कार्यालय के पास चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वाले संगठनों में कनाडा तिब्बत समिति और तिब्बती समुदाय, फ्रेंड्स ऑफ कनाडा और इंडिया ऑर्गनाइजेशन, ग्लोबल पिनॉय डायस्पोरा कनाडा, वैंकूवर सोसाइटी ऑफ फ्रीडम, डेमोक्रेसी एंड चाइना में मानवाधिकार संगठन, वैंकूवर सोसायटी के समर्थन में लोकतांत्रिक आंदोलन और वैंकूवर उइगर एसोसिएशन शामिल थे। बता दें कि चीन में हिरासत में लिए गए दो कनाडाई नागरिक - माइकल स्पावर और माइकल कोवरिग को छोड़ने की आवाज बुलंद की थी।
टोरंटो में भी हो चुका विरोध प्रदर्शन
जुलाई महीने में भी कनाडा के टोरंटो में चीनी वाणिज्य दूतावास के बाहर कम्युनिस्ट चीनी शासन के खिलाफ अलग-अलग बैकग्राउंड से आए सौ से अधिक टोरॉन्टोनियों ने विरोध प्रदर्शन किया था। चीन के खिलाफ बोलते हुए प्रदर्शनकारियों ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से तिब्बत और हांगकांग को मुक्त करने का आग्रह किया और लद्दाख में चीनी आक्रमण का भी विरोध किया था। उन्होंने कनाडा सरकार से कनाडा में चीनी सामानों का बहिष्कार करने का भी आग्रह किया था। उन्होंने दो कनाडाई लोगों को रिहा करने के लिए समुदायों से हस्तक्षेप करने को कहा था, जिन्हें चीन सरकार ने बंधक बना रखा है। उन्होंने उइगरों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ भी आवाज उठाई थी।