हमले के लिए वाहन बन चुका है सबसे घातक हथियार, सभी को सतर्क रहने की जरूरत
जर्मनी में म्यूनस्टर की घटना को अभी दो सप्ताह से कुछ ही ज्यादा दिन हुए हैं कि उस तरह की एक और घटना ने हमें फिर इस तरफ सोचने को मजबूर कर दिया है।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। जर्मनी में म्यूनस्टर की घटना को अभी दो सप्ताह से कुछ ही ज्यादा दिन हुए हैं कि उस तरह की एक और घटना ने हमें फिर इस तरफ सोचने को मजबूर कर दिया है। इस बार कनाडा का टोरंटो इस तरह की घटना की गवाही दे रहा है। सोमवार दोपहर करीब ढाई बजे योंग स्ट्रीट पर एक बेकाबू ट्रक ने करीब दो दर्जन लोगों को कुचल दिया। इस घटना में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 15 अन्य घायल बताए जा रहे हैं। फिलहाल पुलिस ने ट्रक ड्राइवर को भी गिरफ्तार कर लिया है। स्थानीय पुलिस इस घटना की जांच कई पहलुओं पर कर रही है। हालांकि इसको एक आतंकी घटना मानने से पुलिस ने अभी तक इंकार नहीं किया है।
आरोपी ने अपने पास बंदूक होने का किया दावा
पुलिस ने संधिग्ध आरोपी का खुलासा करते हुए उसका नाम ऐलेक मिनासेन बताया है। उसकी उम्र 25 वर्ष बताई गई है। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें संदिग्ध पुलिस पर जोर-जोर से चिल्ला कर कह रहा है कि ‘KILL ME’। इसके बाद बाद पुलिस की तरफ से उसको लगातार हाथ पीछे कर नीचे बैठने के लिए कहा जाता रहा। वहीं आरोपी ने कहा कि उसके पास में बंदूक है। हालांकि आरोपी पर काबू पाने के लिए पुलिस को कोई गोली नहीं चलानी पड़ी और उसपर काबू पा लिया गया। पुलिस आरोपी को मंगलवार स्थानीय समयानुसार दस बजे कोर्ट में पेश करेगी।
पहले भी हो चुकी हैं इस तरह की घटनाएं
जर्मनी
बहरहाल, कनाडा में इस तरह की भले ही से पहली घटना हो लेकिन यूरोप के कई देशों में इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पूर्व की इन घटनाओं के पीछे किसी न किसी आतंकी संगठन का भी हाथ रहा है। लिहाजा पूर्व की इन घटनाओं को आतंकी हमले करार दिया गया था। म्यूनस्टर की घटना भी इन्हीं में से एक थी। 8 अप्रैल 2018 को हुए इस हमले में चार लोगों की मौत हो गई थी जबकि तीस लोग घायल हो गए थे। यहां पर भी हमलावर ने एक वैन को हथियार बनाया था। हमले को अंजाम देने के बाद वैन में सवार हमलावर ने भी खुद की भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह घटना जर्मनी के राज्य नॉर्थराइन वेस्टफेलिया के पुराने शहर म्यूनस्टर में घटी थी। आपको बता दें कि म्यूनस्टर सैलानियों का पसंदीदा शहर है। जर्मनी आने वाले सैलानी एक बार इस खूबसूरत शहर को देखने के लिए काफी संख्या में यहां का रुख करते हैं। जिस वक्त यह हमला किया गया उस वक्त वहां स्थित ओपन रेस्त्रां ग्रासर केंपनकर्ल में काफी भीड़ थी। लोग अपने खाने और ड्रिंक का लुत्फ उठा रहे थे। इतने में ही एक तेज गति से आते ट्रक ने वहां की खुशियों को मातम में बदल दिया।
19 दिसंबर 2016 को भी एक तेज गति से आते ट्रक ने कई लोगों को बेरहमी से कुचल डाला था। इस हमले में 12 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 50 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस हमले को अंजाम देने के लिए हमलावर ने क्रिसमस मार्किट को चुना था, जहां उस वक्त काफी भीड़ थी।
फ्रांस
22 दिसंबर 2014 को फ्रांस के नांतेस शहर और 14 जुलाई 2016 को फ्रांस के ही एक अन्य शहर नीस में आतंकी ने हमले को अंजाम दिया था। नीस हमले में करीब 86 लोगों की मौत हुई थी जबकि 400 के करीब लोग घायल हुए थे। वहीं नांतेस में दस लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा 7 अप्रैल 2017 को स्टॉकहोम में भारतीय दूतावास के निकट भीड़ को रौंदते हुए एक ट्रक डिपार्टमेंटल स्टोर में जा घुसा था। इस हमले में पांच लोग मारे गए थे और 15 लोग घायल हो गए थे।
9 अगस्त 2017 को पेरिस में एक व्यक्ति ने कुछ सैनिकों को बीएमडब्ल्यू गाड़ी से कुचल दिया था। इसमें छह लोग घायल हो गए थे।
ब्रिटेन
3 जून 2017 को लंदन में तीन जिहादियों ने लंदन ब्रिज पर मौजूद लोगों को तेज रफ्तार वैन से कुचल दिया था। इसके बाद उन्होंने लोगों पर चाकू से भी हमला किया था। इसके बाद जून में भी फिंसबरी पार्क में भी इसी तरह की घटना हुई थी।
वहीं 22 मार्च 2017 को वेस्टमिंस्टर पुल पर एक व्यक्ति ने लोगों पर कार चढ़ा दी थी। इसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। इसके पहले 22 मई को मैनचेस्टर में एरियाना ग्रैंड के एक प्रोग्राम में सुसाइड बंबर ने 22 लोगों की हत्या कर दी थी।
अमेरिका
12 अगस्त 2017 को वर्जीनिया के चार्ल्ट्सविले में विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों पर गाड़ी दौड़ा दी थी। जेम्स फ़ील्ड्स नामक एक व्यक्ति को इसका ज़िम्मेदार बताया गया।
26 अक्टूबर 2015 को अमेरिका में एक महिला ने ओकलाहोमा यूनिवर्सिटी की होमकमिंग परेड के दौरान भीड़ पर कार चढ़ा दी, जिसमें एक भारतीय एमबीए छात्रा सहित चार लोगों की मौत हो गई और 47 अन्य लोग घायल हो गए। संदेह है कि महिला शराब पीकर गाड़ी चला रही थी।
फिर करना होगा विचार
इस हमले ने एक बार फिर से दुनिया को आतंकवाद से बचाव और उनके हमला करने के तरीकों पर दोबारा विचार करने को बाध्य कर दिया है। भले ही यह कोई आतंकी घटना न हो लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि यूरोप के कई देश जिसमें ब्रसेल्स और ब्रिटेन भी शामिल हैं इस तरह के हमलों की मार झेल चुका है। लिहाजा अब दुनिया के देशों को इस ओर सोचने की बेहद जरूरत है कि वह अपने यहां भीड़-भाड़ वाले इलाकों, सड़कों या शहरों में इस तरह के वाहनों की आवाजाही को सुनिश्चित करें या उनको रोक दें। आपको बता दें कि आतंकियों के लिए भीड़-भाड़ वाले इलाके बेहद आसान निशाना हुआ करते हैं। इसमें भी यदि हमला किसी वाहन से किया जाना हो तो इसको वक्त रहते भांप लेना भी काफी मुश्किल होता है। ऐसे में सावधान रहने की बेहद जरूरत है।
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