ईरान परमाणु समझौते से अलग अमेरिका, जानिए विश्व के नेताओं ने क्या कहा
अमेरिका के ईरान के साथ हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अलग होने पर विश्व के नेताओं ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है।
वॉशिंगटन (एएफपी)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने की घोषणा कर दी है। ट्रंप ने इस समझौते को दोषपूर्ण बताया है। ट्रंप ने कहा कि इस समझौते ने ईरान को बड़ी मात्रा में धन दिया और इसे परमाणु हथियार हासिल करने से नहीं रोक पाया। ट्रंप ने यह फैसला कर प्रमुख यूरोपीय सहयोगियों और अमेरिका के शीर्ष डेमोक्रेट नेताओं की सलाह को नजरअंदाज किया है।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ट्रंप के इस फैसले की कड़े शब्दों में निंदा की है। ईरान ने कहा कि उनका देश अगले सप्ताह से पहले से कहीं अधिक मात्रा में यूरेनियम का संवर्धन करेगा। रूहानी ने कहा, 'मैं ट्रंप के फैसले पर यूरोप, रूस, चीन से बात करूंगा।' उन्होंने कहा कि वे अपने सहयोगियों और परमाणु समझौते में शामिल अन्य देशों के साथ बातचीत के लिए कुछ हफ्ते ही इंतजार करेंगे।
मंगलवार को ट्रम्प के भाषण के बाद, ऐतिहासिक सौदे के अन्य पक्षों सहित विश्व के नेताओं ने इस पर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी।
फ्रांस
फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन ने परमाणु समझौते से अलग होने के अमेरिकी निर्णय पर निराशा व्यक्त की। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुअल मैक्रों ने ट्विटर पर लिखा, 'परमाणु समझौता दांव पर है। हम परमाणु गतिविधि को गुप्त रखने, 2025 के बाद की अवधि, बैलिस्टिक गतिविधि, और मध्य पूर्व में स्थिरता, विशेष रूप से सीरिया, यमन और इराक के लिए सामूहिक रूप से काम करेंगे।'
यूरोपीय संघ
शीर्ष यूरोपीय संघ की राजनयिक फेडेरिका मोगेरिनी ने ईरान परमाणु समझौते को संरक्षित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मुलाकात की। मोगेरिनी ने कहा, 'यूरोपीय संघ परमाणु समझौते के निरंतर पूर्ण और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। हम अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के काम, योग्यता और स्वायत्तता पर पूरी तरह भरोसा करते हैं। एजेंसी ने 10 रिपोर्ट प्रकाशित की हैं जिसमें यह कहा गया है कि ईरान ने अपनी प्रतिबद्धताओं का पूरी तरह से पालन किया है। परमाणु से संबंधित प्रतिबंधों से अलग होना समझौते का एक अनिवार्य हिस्सा है।' यूरोपीय संघ ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि परमाणु समझौते से अलग होने पर ईरान के व्यापार और आर्थिक संबंधों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और साथ ही यह ईरान के लोगों के लिए भी लाभप्रद होगा।
इजरायल
पश्चिम यरूशलेम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप के फैसले की सराहना की है। इजरायल राष्ट्रपति ने ट्रंप के बोल्ड फैसले का पूरी तरह से समर्थन किया है। इजरायल ने शुरुआत से परमाणु समझौते का विरोध किया है। इस समझौते के तहत प्रतिबंधों को हटाने से पहले ही विनाशकारी परिणाम सामने आए हैं। इस सौदे ने युद्ध को आगे नहीं बढ़ाया, ब्लकि वास्तव में करीब लाया है।
सऊदी अरब
सऊदी अरब ने भी ट्रंप के फैसले का समर्थन किया। सऊदी विदेश मंत्रालय ने कहा, 'अमेरिकी राष्ट्रपति के परमाणु समझौते से अलग होने और ईरान के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों को बहाल करने के फैसले का सऊदी अरब समर्थन और स्वागत करता है।'
संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक बयान में कहा कि वह इस विषय पर चिंतित थे। उन्होंने इस समझौते के शेष पक्षों से उनकी प्रतिबद्धताओं का पालन करने का आग्रह किया। यह आवश्यक है कि योजना के कार्यान्वयन के संबंध में सभी चिंताओं को जेसीपीओए (कार्रवाई की संयुक्त व्यापक योजना) में स्थापित तंत्र के माध्यम से संबोधित किया जाए।
जॉन केरी
पूर्व अमेरिकी विदेश सचिव ने सौदे के समर्थन में बयान जारी करते हुए कहा, 'आज की घोषणा हमारी सुरक्षा को कमजोर करती है, हमें अपने यूरोपीय सहयोगियों से अलग करती है, इजरायल को अधिक जोखिम में डालती है, ईरान के कट्टरपंथियों को शक्ति प्रदान करती है, और तेहरान के दुर्व्यवहार को संबोधित करने के लिए हमारे वैश्विक लाभ को कम करती है, जबकि अंतरराष्ट्रीय समझौतों में बने रहना भविष्य के प्रशासन की क्षमता को नुकसान पहुंचाएगा।