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WHO प्रमुख ने संस्था पर सवाल उठाने को बताया अस्वीकार्य, कहा- निष्पक्षता से कर रहे काम

डब्ल्यूएचओ (World Health Organisation WHO) के प्रमुख टेड्रोस एडहैनम घेब्रेयसस ने गुरुवार को कहा कि उनकी स्वतंत्रता पर सवाल उठाना पूरी तरह अस्वीकार्य है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 06:04 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 06:04 AM (IST)
WHO प्रमुख ने संस्था पर सवाल उठाने को बताया अस्वीकार्य, कहा- निष्पक्षता से कर रहे काम
WHO प्रमुख ने संस्था पर सवाल उठाने को बताया अस्वीकार्य, कहा- निष्पक्षता से कर रहे काम

जेनेवा, रायटर। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस एडहैनम घेब्रेयसस ने गुरुवार को कहा कि उनकी स्वतंत्रता पर सवाल उठाना पूरी तरह अस्वीकार्य है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री माइक पोंपियो के आरोप को कि डब्ल्यूएचओ प्रमुख चीन के समर्थक की भूमिका में हैं, टेड्रोस ने असत्य, अस्वीकार्य और आधारहीन बताया। उन्होंने कहा, वैश्विक संस्था पूरी निष्पक्षता के साथ काम कर रही है और उसने सभी के साथ समान व्यवहार किया है।

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टेड्रोस ने कहा कि इस समय हमारे पूरे संगठन का ध्यान लोगों की जिंदगी बचाना है। इन टिप्पणियों से डब्ल्यूएचओ अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेगा। हम नहीं चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इससे पीछे हटे। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, हम कोरोना वायरस के संक्रमण पर पूरी तरह से नजर रखे हुए हैं। कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर फिलहाल कम बनी हुई है लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि यह आगे भी कम बनी रहेगी। इसलिए लोगों को मिलना-जुलना कम करना पड़ेगा। घरों से बाहर निकलना कम करना होगा।

टेड्रोस एडहैनम घेब्रेयसस ने यह भी कहा कि प्रशासन को सतर्कता का स्तर और बढ़ाना होगा। कुछ देशों में कोविड का बहुत ज्यादा संक्रमण दिख रहा है। कुल मामलों के दो तिहाई सिर्फ 10 देशों से है। इतना ही नहीं लगभग आधे मामले तो केवल तीन देशों से हैं। इन तीन देशों में उनका इशारा अमेरिका, ब्राजील और भारत की तरफ था। बीते दिनों टेड्रोस एडहैनम घेब्रेयसस ने कहा था कि दुनियाभर में कोरोना महामारी के चलते स्थिति बिगड़ रही है और दूर-दूर तक सामान्य जनजीवन की कोई संभावना नजर नहीं आ रही।

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को लेकर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन अमेरिका के निशाने पर है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने बीते दिनों कहा था कि महामारी को रोकने के लिए डब्ल्यूएचओ अपनी भूमिका न‍िभाने में नाकाम रहा है। यही नहीं हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने डब्लूएचओ से हटने की घोषणा भी कर दी थी। ट्रंप ने बीते दिनों कहा था कि अमेरिका डब्ल्यूएचओ को सालाना 40.5 करोड़ डॉलर की सहायता करता है। इसके बाद भी केवल चार करोड़ डॉलर (40 मिलियन) की मदद करने वाले चीन का उस पर पूरा नियंत्रण है।


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