मुंबई के धारावी में कोरोना फैलने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों को विश्व बैंक ने सराहा
विश्व बैंक ने मुंबई के धारावी में कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की। विश्व बैंक ने कहा कि सामुदायिक स्तर पर सहभागिता की वजह से ही संक्रमण को फैलने से रोकने में कामयाबी मिली।
वाशिंगटन, पीटीआइ। विश्व बैंक ने मुंबई के धारावी में कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की। विश्व बैंक ने कहा कि समस्या के अनुरूप समाधान निकालने और सामुदायिक स्तर पर सहभागिता की वजह से ही संक्रमण को फैलने से रोकने में कामयाबी मिली। विश्व बैंक ने अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट में कहा कि मई में संक्रमण के मामले सर्वाधिक थे जो उपरोक्त कदमों के कारण तीन महीने बाद जुलाई में बीस फीसद तक कम हुए।
'गरीबी एवं साझा समृद्धि' नामक अपनी रिपोर्ट में विश्व बैंक ने कहा कि मुंबई में सरकारी अधिकारियों ने धारावी में बुखार और ऑक्सीजन के स्तर में कमी वाले मरीजों की बड़े स्तर पर जांच करने की रणनीति के तहत सामुदायिक स्तर पर प्रयास किए। लोगों को इस जांच अभियान में शमिल किया। यही नहीं प्राइवेट अस्पतालों के कर्मचारियों को भी तैनात किया जिससे वायरस को तेजी से फैलने से रोका जा सका।
उल्लेखनीय है कि मुंबई स्थित धारावी दुनिया की सबसे बड़ी झुग्गी इलाकों में से एक है। यह ढाई वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली है। धारावी में करीब साढ़े छह लाख लोग रहते हैं। मुंबई में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 11 मार्च को सामने आया था। इसके तीन हफ्ते बाद एक अप्रैल को धारावी में संक्रमण के पहले मामले का पता चला था। धारावी में लॉकडाउन के दौरान गरीब परिवारों की मदद के लिए गैर सरकारी संगठनों और संस्थाओं ने हजारों घरों में राशन भी पहुंचाया।
भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में बुधवार को संक्रमण के 72,049 नए मामले सामने आए जिसके साथ ही संक्रमितों की संख्या 67,57,131 हो गई। भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की रिकवरी रेट 85.02 फीसद जबकि मृत्यु दर 1.55 फीसदी है। भारत में कोविड जांच में भी तेजी आई है। आईसीएमआर के आंकड़ों के अनुसार छह अक्टूबर तक 8,22,71,654 नमूनों की जांच हो चुकी है।