जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विश्व बैंक ने डबल की फंडिंग, अब खर्च होंगे 200 अरब डॉलर
पोलैंड में यूएनएफसीसीसी में लगभग 200 देश भाग ले रहे हैं। इन सभी देशों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से लड़ना बेहद जरूरी है।
पोलैंड, एएफपी। जलवायु परिवर्तन की समस्या गंभीर होती जा रही है। यही वजह है कि विश्व बैंक ने वर्ष 2021-25 के लिए जलवायु परिवर्तन की विकराल होती मुसीबत से निपटने के लिए फंडिंग को दोगुना करने का निर्णय लिया है। विश्व बैंक ने अब इस राशि को बढ़ाकर 200 अबर डॉलर कर दिया है।
विश्व बैंक ने राशि दोगुनी करने की घोषणा जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के समिट में की। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि वर्ष 2021-25 तब जलवायु परिवर्तन की समस्या से लड़ने के लिए 200 अरब डॉलर खर्च किए जाएंगे। विश्व बैंक ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि करीब 100 अरब डॉलर तो सीधे बैंक से फंड किए जाएंगे। इसके अलावा शेष राशि को विश्व बैंक की दो एजेंसी से जुटाया जाएगा।
पोलैंड में यूएनएफसीसीसी में लगभग 200 देश भाग ले रहे हैं। इन सभी देशों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन से लड़ना बेहद जरूरी है। अगर ऐसा न किया गया, तो आने वाली पी़ढ़ी को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। बता दें कि जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया के तापमान में वृद्धि हो रही है।
गौरतलब है कि साल 2015 में ऐतिहासिक पैरिस समझौते के तहत तापमान में बढ़त को दो डिग्री तक कम करने का लक्ष्य निर्धारित करने पर सहमति बनी थी। लेकिन इस लक्ष्य में अधिक सफलता नहीं मिल पाई है। जलवायु परिवर्तन के लिए कोई एक देश जिम्मेदार नहीं है। लेकिन इससे निपटने के लिए सभी देश महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने भारत की ओर से जलवायु परिवर्तन से पिपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की सराहना की थी।