वॉशिंगटन, एएनआई। अमेरिका, भारत और दक्षिण एशिया में महिला उद्यमियों को 21वीं सदी में कंपीटिशन के लिए आवश्यक डिजिटल कौशल से लैस करने में मदद कर रहा है। यूएस-इंडिया एलायंस के महिला आर्थिक सशक्तिकरण सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमन ने ये बात कही। उन्होंने गुरुवार को कहा कि इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि महिलाएं ना केवल भारत में बल्कि हर जगह सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
कोई भी भारत में कर सकता है निवेश
शेरमन ने कहा कि महामारी से पहले एक स्टडी में अनुमान लगाया गया था कि लैंगिक समानता 2025 तक भारत की जीडीपी में 770 बिलियन डॉलर जोड़ सकती है। अगर ऐसा होता है तो कल भारत में कोई भी सबसे अच्छा निवेश करने के लिए तैयार होगा। इस कार्यक्रम में अमेरिका के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू भी मौजूद रहे। उन्होंने भी इस मौके पर अपना संबोधन दिया। इसके अलावा, अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधु ने भी इस कार्यक्रम को संबोधित किया।
वर्चुअल रूप से शामिल हुईं स्मृति ईरानी
भारत की महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के लिए सरकार की योजना के मुद्दों को केंद्र में रखा है। घर में शौचालय और स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। सरकार गर्भवती महिलाओं को नकद पैसे भी दे रही है। ईरानी ने ये भी कहा कि भारत जी20 की अध्यक्षता करने जा रहा है, जो खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि पीएम मोदी ने महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को अपना मुख्य एजेंडा बनाया है।
महिलाओं के नेतृत्व से भविष्य उज्ज्वल
शेरमन ने अपनी टिप्पणी में आगे कहा कि जब महिलाएं सफल होती हैं तो समुदाय मजबूत होते हैं और अर्थव्यवस्थाओं पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व से हमारा ग्रह अधिक समृद्ध होता है, लोग सुरक्षित होते हैं और भविष्य पहले से कहीं अधिक उज्जवल दिखता है।
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