चेहरा पहचानने वाली तकनीक को मानवाधिकार के लिए खतरा क्यों बता रही है माइक्रोसाफ्ट
माइक्रोसाफ्ट का यह मानना है कि चेहरा पहचानने वाली तकनीक के उपयोग पर नियंत्रण के लिए नियम बनाया जाना चाहिए ताकि इसका दुरुपयोग न हो।
न्यूयॉर्क, आइएएनएस। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी माइक्रोसाफ्ट चेहरा पहचानने वाली तकनीक को लेकर चिंतित है। उसका मानना है कि इसका बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो सकता है। कंपनी के अध्यक्ष ब्रेड स्मिथ का कहना है कि यह व्यक्ति की निजी स्वतंत्रता में दखल देने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है, इसलिए सरकार को जल्द ही कुछ नियम तय करने चाहिए, ताकि इसके इस्तेमाल को सीमित किया जा सके।
बता दें कि इन दिनों कंप्यूटर, मोबाइल या अन्य सॉफ्टवेयर में चेहरा पहचानने वाली तकनीक का इस्तेमाल बहुत तेजी से किया जा रहा है।
सरकार को सतर्क करते हुए स्मिथ ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा, 'अमेरिकी संसद को एक द्विपक्षीय विशेषज्ञ आयोग बनाना चाहिए जो इस तकनीक के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए नियम बना सके। नियमों के क्रियान्वयन में भी आयोग की भूमिका अहम होगी।' स्मिथ का दावा है कि माइक्रोसॉफ्ट ने मानवाधिकार के लिए खतरा बन सकने वाली कई परिस्थितियों में इस तकनीक का इस्तेमाल करने से इन्कार कर दिया है। उन्होंने कहा, 'इसके दुरुपयोग से निजता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर आघात लगेगा। इसे नियंत्रित करने के लिए दुनियाभर की सरकार, टेक कंपनियों और सिविल सोसाइटी को आगे आना होगा।'
इस तरह व्यक्ति की पहचान करती है तकनीक
कंप्यूटर आधारित यह तकनीक फोटो और कैमरे से व्यक्ति की पहचान कर लेती है। गुमशुदा लोगों की तलाश के साथ अन्य कामों में इसकी मदद ली जा रही है। हालांकि निजी कंपनियां अपने फायदे के लिए इसका दुरुपयोग भी कर सकती हैं।