व्हाइट हाउस ने कहा अधिक जांच होने की वजह से सामने आए कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड मामले
उपराष्ट्रपति माइक पेंस और देश के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी एलेक्स एम. अजार सेकंड ने रविवार को कहा कि जब अधिक जांच हो रही है उसी वजह से अधिक संक्रमित मरीज भी सामने आ रहे हैं।
वाशिंगटन, न्यूयॉर्क टाइम्स न्यूज सर्विस। अमेरिका में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या में इजाफा होने के पीछे अधिक जांच किए जाने को कारण बताया जा रहा है। उपराष्ट्रपति माइक पेंस और देश के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी एलेक्स एम. अजार सेकंड ने रविवार को कहा कि अधिक जांच हो रही है उसी वजह से अधिक संक्रमित मरीज भी सामने आ रहे हैं, यह इस वजह से नहीं हो रहा है कि बहुत सारी चीजें खुली हुई हैं। जो लोग यह दावा कर रहे हैं कि लॉकडाउन हटा दिए जाने की वजह से इसमें बढ़ोतरी हो रही है वो पूरी तरह से गलत हैं। साफतौर पर ये अधिक जांच किए जाने का नतीजा है।
न्यूयॉर्क में सरकार के पदाधिकारी एंड्रयू क्युमो ने इस बारे में ट्रंप प्रशासन को आड़े हाथों लिया, उनका कहना है कि प्रशासन मूलरूप से समस्या के बारे में इनकार कर रहा है वो अमेरिकी लोगों को सच्चाई नहीं बताना चाहते हैं, यदि सच्चाई बताई जाएगी तो शायद कोरोना संक्रमितों की संख्या और अधिक निकलेगी। इससे लोगों में दहशत पैदा होगी।
क्युमो ने एनबीसी के मीट द प्रेस कार्यक्रम में कहा कि चीन जो कोरोनावायरस का मुख्य केंद्र था वहां पर रविवार को 5 मौतें दर्ज की गई जो वहां पर संक्रमण फैलने के बाद से अब तक सबसे कम रिकार्ड की गई है। उन्होंने कहा कि इस बात का डर है कि जिन राज्यों में इस संक्रमण से सबसे अधिक नुकसान हुआ है वहां पर ये दुबारा से लौट सकता है और अधिक नुकसान कर सकता है।
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के पूर्व प्रमुख डॉ. थॉमस आर. फ्राइडेन ने कहा कि कोरोनोवायरस के लिए सकारात्मक परीक्षणों की कुल संख्या और प्रतिशत दोनों में वृद्धि हुई है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इसमें वायरस का ही हाथ है। उन्होंने भविष्यवाणी की कि आने वाले हफ्तों में कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण का फैलना विस्फोटक स्तर पर जारी रहेगा।
रविवार को पूरे अमेरिका में एक ही बात की चर्चा था कि रूस ने तालिबान के साथ समझौता कर अफगानिस्तान में तैनात सैनिकों को मारने पर इनाम दिया जाएगा। देश में कोरोनावायरस महामारी भी एक प्रमुख विषय बना हुआ है। उधर देश में अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने पर ट्रंप की आलोचना भी की गई। उधर स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बात से चिंतित है कि अर्थव्यवस्था के नाम पर लॉकडाउन को हटा दिए जाने से यहां पर संक्रमण फैलने का खतरा फिर से पैदा हो गया है। वैसे भी अमेरिका में कोरोना संक्रमण की वजह से सबसे अधिक नुकसान हुआ है। सबसे अधिक संक्रमित और सबसे अधिक मौतें भी यहां हो चुकी हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से कोरोना ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है उतना किसी और देश को नहीं किया है। इस वजह से यहां पर अधिक सावधानी बरते जाने की आवश्यकता थी मगर उस ओर ध्यान नहीं दिया गया है जिसका नतीजा कुछ दिनों में फिर से दिखाई देगा।
उपराष्ट्रपति ने यह कहकर नए मामलों में वृद्धि की गंभीरता को भी कम कर दिया कि वायरस ने मुख्य रूप से छोटे लोगों को संक्रमित किया था, जिनके अस्पताल में भर्ती होने की संभावना कम है। लेकिन फ्रीडेन ने उल्लेख किया कि अस्पताल में भर्ती होने और संभावित रूप से मरने वाले रोगियों के लिए समय लगता है और कहा जाता है कि युवा लोगों में संक्रमण अभी भी एक महत्वपूर्ण खतरा था।
उन्होंने कहा कि युवाओं में यदि संक्रमण होता है तो वो केवल उन तक नहीं रहता है, उनके माध्यम से उनके परिवार के अन्य सदस्यों तक ये पहुंच जाता है। ऐसे कई मामले देखने में भी सामने आए हैं। कुछ राज्यों में रहने वालों का परीक्षण भी नहीं किया गया, उनको परीक्षण स्थलों से ही दूर कर दिया गया।
पेंस ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने सार्वजनिक-निजी साझेदारी के तहत कोरोनावायरस संक्रमण की जांच के लिए दो कदम उठाए थे वो देश में किसी का भी परीक्षण करने में सक्षम है, यदि कोई कोरोना संक्रमण का परीक्षण कराना चाहता है तो उसके लिए समस्या नहीं होगी।
ट्रंप ने मार्च में ये दावा किया था जबकि देश के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी इसका खंडन करते रहे। यहां तक की टेक्सास, फ्लोरिडा और एरिजोना के अलावा कई राज्यों में परीक्षण स्थलों को भी उखाड़ दिया गया है, अब ऐसे में जांच करना संभव नहीं है।
हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कार्यक्रम में कहा कि सभी अमेरिकियों को मास्क पहनना चाहिए। पेलोसी ने कहा ट्रंप से सार्वजनिक रूप से एक पहनना शुरू करने का आग्रह किया। कहा कि असली पुरूष ऐसा काम करते हैं कि वो देश के लिए मिसाल बन सकें, ट्रंप को भी सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनकर एक मिसाल कायम करना चाहिए।