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व्हाइट हाउस ट्रंप की प्रतिक्रियाओं को सीमित करने के लिए कोरोना ब्रीफिंग में कर सकता है बदलाव

इसी पर कायम ट्रंप ने शुक्रवार को पहले संवाददाताओं के सवालों के जवाब दिए और कहा कि कीटाणुनाशक के बारे में उनका सुझाव गलत तरीके से लिए गया और उसपर लोगों ने मजाक बनाया।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 08:29 AM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2020 08:29 AM (IST)
व्हाइट हाउस ट्रंप की प्रतिक्रियाओं को सीमित करने के लिए कोरोना ब्रीफिंग में कर सकता है बदलाव
व्हाइट हाउस ट्रंप की प्रतिक्रियाओं को सीमित करने के लिए कोरोना ब्रीफिंग में कर सकता है बदलाव

वॉशिंगटन, एपी। पहली बार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संवाददाताओं से कोई भी प्रश्न लिए बिना शुक्रवार को अपने दैनिक कोरोना वायरस टास्क फोर्स को समाप्त कर दिया। कयास लगाए जा रहे हैं कि हो सकता है कि यह आखिरी बार न हो। आगे भी कुछ ऐसी ही रणनीति बनाई जा रही हो। व्हाइट हाउस के चार अधिकारियों और रिपब्लिकन (जो व्हाइट हाउस के करीबी हैं, नाम न छापने की शर्त पर और इस मसले पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करने के लिए अधिकृत नहीं हैं) के अनुसार, व्हाइट हाउस के भीतर राष्ट्रपति की भूमिका को संक्षिप्त करने के लिए ब्रीफिंग के प्रारूप को बदलने पर चर्चा हुई है। बता दें कि ब्रीफिंग अक्सर एक घंटे से अधिक समय के लिए चलती है, जिसमें ट्रंप और पत्रकारों के बीच संवाद होता है।

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बताया जा रहा है कि ट्रंप शुक्रवार को सुर्खियों में रहने के एक दिन के बाद नाराज थे। मोटे तौर पर पिछली शाम की ब्रीफिंग में उनकी टिप्पणी के बारे में सोच रहे थे। जिसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए लोगों में कीटाणुनाशक इंजेक्शन लगाने में मदद मिलेगी। उस विचार पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों की तरफ से चेतावनी दी गई, कहा गया कि यह विचार खतरनाक है, इससे जान जा सकती है। जहां ट्रंप के बयान की आलोचना हुई।

इसी पर कायम ट्रंप ने शुक्रवार को पहले संवाददाताओं के सवालों के जवाब दिए और कहा कि कीटाणुनाशक के बारे में उनका सुझाव गलत तरीके से लिए गया और उसपर लोगों ने मजाक बनाया। वह उनकी टिप्पणी के प्रतिलेख के साथ नहीं छपा था। अब जहां अधिकारी और सलाहकार ट्रंप से ब्रीफिंग में ना आने के लिए कह रहे हैं, खासकर मीडिया से बातचीत में। अन्यथा, सलाहकार ने सुझाव दिया, कि उन्हें इसका नेतृत्व करने के लिए उप राष्ट्रपति माइक पेंस और स्वास्थ्य अधिकारियों को छोड़ देना चाहिए।

बता दें कि कोरोना के इलाज में कई बार मलेरिया रोधी दवाओं की वकालत कर चुके ट्रंप अब अजीबोगरीब सुझाव देकर मजाक के पात्र बन गए हैं। उन्होंने इस पर शोध की सलाह दी है कि क्या कीटाणुनाशक इंजेक्शन या अल्ट्रावायलेट लाइट से कोरोना रोगियों का इलाज संभव हो सकता है। कई अमेरिकी स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि लोग इस खतरनाक सलाह पर ध्यान ना दें। इससे जान भी जा सकती है। ट्रंप की इस विचित्र सलाह की सोशल मीडिया में भी खूब खिल्ली उड़ रही है। ट्रंप ने यह विचित्र सलाह विज्ञान और प्रौद्योगिकी निदेशालय के कार्यकारी प्रमुख विलियम ब्रायन के साथ एक वैज्ञानिक अध्ययन जारी करने के दौरान दी।

ब्रायन ने इस अध्ययन में बताया कि सूरज की रोशनी में आने से वायरस जल्द खत्म हो सकता है। इस पर अचरज जाहिर करते हुए ट्रंप ने पूछा कि क्या कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के शरीर में इंजेक्शन के जरिये केमिकल को पहुंचाना संभव हो सकता है। ट्रंप ने ह्वाइट हाउस में गुरुवार को पत्रकारों से नियमित बातचीत में इस संभावना पर भी गौर करने को कहा कि क्या खतरनाक कोरोना वायरस के संक्रमण से मुकाबले के लिए अल्ट्रावायलेट लाइट या पराबैंगनी प्रकाश का उपयोग किया जा सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति की इन टिप्पणियों की स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने तीखी आलोचना की और लोगों को आगाह किया कि वे कीटाणुनाशक इंजेक्शन से दूर रहें। वे बेहद विषैले होते हैं। कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में ग्लोबल हेल्थ के निदेशक क्रेग स्पेंसर ने कहा, 'मेरी चिंता यह है कि इससे लोग मरेंगे। लोग यही सोचेंगे कि यह अच्छा विचार है। यह खतरनाक है।'


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