जब अमेरिका ने ईरानी विमान को गलती से बनाया था निशाना, मारे गए थे 10 भारतीय
पहले भी कई देश इस तरह की गलती करके सैकड़ों यात्रियों को मौत के घाट उतार चुके हैं। इन देशों की मानवीय भूल ने परिवारों पर दुखों का पहाड़ गिरा दिया।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। 3 जनवरी को ईरान ने युक्रेन के एक यात्री विमान को मार गिराया था, इसी के बाद ये बातें उठने लगी थीं कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब किसी देश में गलती से इस तरह से यात्री विमान को निशाना बनाया गया है। इससे पहले भी कई देश इस तरह की गलती करके सैकड़ों यात्रियों को मौत के घाट उतार चुके हैं। इन देशों की मानवीय भूल ने कई परिवारों पर दुखों का पहाड़ गिरा दिया। ऐसे लगभग एक दर्जन ऐसे विमान हादसे हो चुके हैं जो मानवीय भूल का नतीजा थे। हम आपको इस खबर में ऐसे ही कुछ विमान हादसों के बारे जानकारी दे रहे हैं।
3 जनवरी, युक्रेन में विमान हादसा, 176 की मौत
ईरान ने ये स्वीकार किया कि मिसाइल हमले के कारण उन्होंने यूक्रेन का यात्री विमान मार गिराया था। इस विमान में 176 यात्री और क्रु मेंबर सवार थे और सभी लोग मारे गए थे। शुरू में ईरान ने इसे तकनीकी समस्या के कारण हुआ हादसा बताया था लेकिन पश्चिमी देशों ने खुफिया जानकारी दी और दावा किया कि ये विमान मिसाइल हमले में गिराया गया है। किसी तकनीकी वजह से ये नहीं गिरा। बाद में ईरान ने माना कि ये मानवीय भूल थी और अनजाने में मिसाइल हमला विमान पर किया गया था।
ईरान एयरबस, 290 की मौत
3 जुलाई 1988 को ईरान एयर का एयरबस ए-300 मिसाइल का निशाना बन गया। ये विमान ईरान के बंदर अब्बास एयरपोर्ट से यूएई के दुबई जा रहा था। उस समय ये विमान खाड़ी में ईरान की जमीनी सीमा में उड़ रहा था, उड़ान भरने के कुछ समय बाद ही होरमूज की खाड़ी की निगरानी कर रहे अमरीकी जहाज से दो मिसाइलें दागी गईं। कथित तौर पर इस विमान को लड़ाकू विमान समझ लिया गया था। इस मिसाइल हमले में सभी 290 यात्रियों की मौत हो गई थी। इसी विमान में 10 भारतीय भी शामिल थे। अमरीका ने ईरान को मुआवजे के तौर पर 101.8 मिलियन डॉलर का भुगतान किया था।
साल- 2014, यूक्रेन विमान हादसा, 298 की मौत
17 जुलाई 2014 को मलेशिया एयरलाइंस का एमएच17 विमान पूर्वी यूक्रेन के विद्रोहियों के नियंत्रण वाले इलाके में मार गिराया गया था। ये विमान एम्सटर्डम से कुआलालंपुर जा रहा था। ये बोइंग 777 विमान था, जिसमें सवार सभी 298 यात्री मारे गए थे। इनमें 193 लोग नीदरलैंड्स के नागरिक थे, यूक्रेन के अधिकारी और रूस समर्थक अलगाववादियों ने विमान को मार गिराने का आरोप एक-दूसरे पर लगाते हैं।
साकालिन, 269 की मौत
एक सितंबर 1983 को कोरियन एयर के बोइंग 747 विमान को सोवियत लड़ाकू जेट्स ने साकालिन आइलैंड के ऊपर मार गिराया। इस हमले में सभी 269 यात्री मारे गए। सोवियत अधिकारियों ने पाँच दिन बाद ये माना कि उन्होंने दक्षिण कोरियाई विमान को मार गिराया था।
सिनई डेजर्ट, 108 की मौत
21 फरवरी 1973 को लीबियाई अरब एयरलाइन के विमान को इजरायली लड़ाकू विमानों ने सिनई डेजर्ट के ऊपर मार गिराया था। ये बोइंग 727 विमान था, जो त्रिपोली से काहिरा जा रहा था। इसमें सवार 112 लोगों में से 108 लोग मारे गए थे। सिनई में सैनिक ठिकानों के ऊपर से ये विमान उड़ान भर रहा था, जिस कारण इजरायली वायु सेना ने दखल दिया। इजरायल का कहना था कि विमान ने लैंड करने से इनकार किया, इस कारण उसे मार गिराया गया।
साल- 2007, सोमालिया, 11 की मौत
23 मार्च 2007 को सोमालिया की राजधानी मोगादिशू से उड़ान भरते ही बेलारूस एयरलाइन के कार्गो विमान पर रॉकेट हमला हुआ था, हमले में इस कार्गो विमान में सवार 11 लोग मारे गए थे, इस विमान में बेलारूस के इंजीनियर्स और टेक्नीशियंस सवार थे, जो कुछ दिनों पहले मिसाइल का निशाना बने एक अन्य विमान की मरम्मत के लिए सोमालिया आए थे। ये इलियूशिन II-76 कार्गो विमान था।
ब्लैक सी, 78 की मौत
4 अक्तूबर 2001 को साइबेरिया एयरलाइंस के टुपोलेव टीयू-155 विमान में धमाका हो गया। उस समय ये विमान ब्लैक सी के ऊपर उड़ रहा था, ये विमान तेल अवीव से नोवोसीबिर्स्क जा रहा था। विमान में हुए धमाके के कारण 78 लोग मारे थे, जिनमें से ज्यादातर इजरायली थे। ये हादसा उस समय हुआ, जब विमान क्राइमियन कोस्ट से 300 किलोमीटर से भी कम दूरी पर था। एक सप्ताह के बाद यूक्रेन ने ये स्वीकार किया कि उसके मिसाइल के एकाएक फायर हो जाने के कारण ऐसा हुआ।