Mission सुलेमानी के लिए आखिर अमेरिकी सेना की क्या थी रणनीति, हमले के कुछ अनछुए पहलू...
ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या में अमेरिका ने किस तरह रणनीति बनाई। अमेरिका सेना ने किस तरह अपनी योजना को अंजाम दिया होगा।
नई दिल्ली, जागरण स्पेशल । न्यूयॉर्क टाइम्स...आपकी यह जिज्ञासा जरूर होगी कि आखिर ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या में अमेरिका ने किस तरह रणनीति बनाई होगी। अमेरिका सेना ने किस तरह अपनी योजना को अंजाम दिया हो। इस योजना में अमेरिकी सेना ने यह ख्याल रखा कि नागरिकों या एयरपोर्ट का कोई नुकसान न हो। आइए जानते हैं अमेरिकी सेना की उस सफल रणनीति के बारे में जो अन्य देशों की सेना के लिए एक सबक याह मिसाल हो सकती है।
मानव रहित एयरक्राफ्ट से मारा गया था सुलेमानी
ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को मारने के लिए अमेरिका ने वायु सेना के किसी बड़े विमान या क्राफ्ट का इस्तेमाल नहीं किया था। अमेरिका सेना ने उसे चुटकी में मार गिराया। दरअसल, अमेरिकी सेना ने सुलेमानी के काफीले पर यह हमला मानवरहित एयरक्राफ्ट MQ-9 रीपर के जरिए किया। यह एक प्रकार का ड्रोन है। MQ-9 रीपर ड्रोन 480 किलोमीटर की रफ्तार से उड़ने में सक्षम है। दुश्मन पर अचूक निशाने के लिए यह जाना जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक मध्य पूर्व में किसी ऑपरेशन में अमेरिका ने नौवीं बार इस तरह की मिसाइल का प्रयोग किया है।
अमेरिकी सेना इस ड्रोन का ईस्तेमाल रेकी करने या हवाई हमले में प्रयोग करती है। इसमें एक विजुअल सेंसर भी मौजूद रहता है। ड्रोन में लगी मिसाइलें सटीक निशाना लगाने में सक्षम हैं। खास बात यह है कि इसके हमले में आस-पास बहुत कम क्षति होती है। इस ड्रोन में दो लोग बैठ सकते हैं। ड्रोन अपने साथ चार हजार किलो का वजन लेकर उड़ सकता है। यह 50 हजार फीट की ऊचांई से उड़ान भरने में सक्षम है। ड्रोन के जरिए दो कारों पर यह दो मिसाइल दागी गई। यह मिसाइलें अपने लक्ष्य पर एयरपोर्ट के कार्गों टर्मिनल के निकट दागी गईं थीं।
एक वीडियो से सच हुआ उजागर
इराक में अमेरिकी सैन्य हमले के कुछ ही देर बाद शिया मिलिशिया समूहों की ओर से शेयर किए जा रहे एक वीडियो में कार के अवशेष जलते हुए दिखाया गया है, जिसमें ईरानी जनरल सुलेमानी बैठे हुए थे। इस वीडियो में रक्त से लथपथ सुलेमानी का हाथ दिखाया गया है। इस फोटो में उनकी पसंदीदा लाल अंगूठी भी दिखायी पड़ रही थी। इराकी आर्मी ज्वाइंट ऑपरेशन फोर्सेज के मीडिया ऑफिस ने अपने फेसबुक पेज पर कुछ तस्वीरें जारी की थीं। इस फोटो में बगदाद एयरपोर्ट के गेट के पास सड़क पर जलती हुई कार दिखाई दे रही है।
अमेरिकी हवाई हमले के पीछे का बड़ा सच
इस हमले के कुछ दिन पूर्व इराक में किरकुक में हुए हमले में एक अमेरिकी ठेकेदार की मौत हो गई थी। इस हमले में सेना के चार जवान जख्मी हुए थे। इसके लिए अमेरिका ने ईरानी जनरल सुलेमानी को जिम्मेदार ठहराया था। इसके अलावा 31 दिसंबर को ईरान समर्थित सेना के सदस्यों ने बगदाद में अमेरिकी दूतावास को घेर लिया था। इस घटना से अमेरिका न सिर्फ इस क्षेत्र में सैनिकों की संख्या में वृद्धि की बल्कि उसने हमले की याेजना बनाई थी। हालांकि जून 2019 में ईरान ने अमेरिकी ड्रोन को मार गिराने का दावा किया था, इसके बाद ट्रंप ने हवाई हमले की तैयारी की थी, लेकिन बाद में इस फैसले का टाल दिया गया। लेकिन ठेकेदार की मौत के बाद अमेरिका ने सुलेमानी को मारने का उचित समय समझा।