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त्वचा को स्वस्थ बनाने के लिए ध्रुवीय क्षेत्रों से पलायन करती है व्हेल, शरीर पर आई खराबियां हो जाती हैं ठीक

तापमान बदलने से व्हेल के शरीर में रक्त के प्रवाह की गति भी बदलती है और त्वचा की कोशिकाएं भी दोबारा बनने लगती हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 08:16 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 08:23 PM (IST)
त्वचा को स्वस्थ बनाने के लिए ध्रुवीय क्षेत्रों से पलायन करती है व्हेल, शरीर पर आई खराबियां हो जाती हैं ठीक
त्वचा को स्वस्थ बनाने के लिए ध्रुवीय क्षेत्रों से पलायन करती है व्हेल, शरीर पर आई खराबियां हो जाती हैं ठीक

वाशिंगटन, प्रेट्र। एक अध्ययन के अनुसार, ध्रुवीय पानी में रहने वाली व्हेल भोजन और अपनी त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए निम्न अक्षांशों की ओर पलायन करती हैं, क्योंकि ध्रुवीय इलाकों में ज्यादा लंबे समय तक रहने से उनका स्वास्थ्य तो प्रभावित होता ही है साथ ही, उन्हें भोजन भी आसानी से नहीं मिल पाता। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस अध्ययन की मदद से समुद्री जीवों के संरक्षण के लिए बेहतर उपाय किए जा सकते हैं।

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रक्त प्रवाह की गति भी बदलती है

मरीन मैमल साइंस नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, अंटार्कटिका के संरक्षित इलाकों में रहने वाली 'किलर व्हेल' भोजन की तलाश में निम्न अक्षांशों की ओर आने लगती हैं। तापमान बदलने से उनके शरीर में रक्त के प्रवाह की गति भी बदलती है और त्वचा की कोशिकाएं भी दोबारा बनने लगती हैं। इससे उनके शरीर की बाहरी परत में आई खराबियां ठीक हो जाती हैं।

अमेरिका की ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी से इस अध्ययन के मुख्य लेखक रॉबर्ट पिटमैन ने कहा, ' मुझे लगता है कि व्हेल अपनी त्वचा को नहीं बदलती, लेकिन यह हर जीव की एक महत्वपूर्ण शारीरिक आवश्यकता है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि सभी पक्षी और स्तनधारी जीव नियमित रूप से अपनी त्वचा, फर या पंखों को साफ करते हैं। गर्म पानी में प्रवास करने से व्हेल को अपनी त्वचा के मेटाबोलिज्म (चयापचय) को पुनर्जीवित करने में मदद मिलती है। इससे वे हर प्रकार के वातावरण में रहने के अनूकूल हो जाते हैं और उनके शरीर की गर्मी भी बनी रहती है।

ऐसे किया अध्ययन

आठ वर्षो तक किए गए इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने किलर व्हेलों पर 62 सेटेलाइट टैग लगाए थे। इस दौरान उन्होंने पाया कि अंटार्कटिका के पानी में रहने वाली व्हेलों ने 11 हजार किलोमीटर परिधि में दूसरे क्षेत्रों की ओर प्रवास किया था। उन्होंने कहा कि इस दौरान ज्यादातर व्हेलों ने तेजी से बिना रुके और बड़े पैमाने पर पलायन किया।

ठंडे क्षेत्रों में भी देती है बच्चों को जन्म

शोधकर्ताओं ने अंटार्कटिका में नवजात किलर व्हेलों की तस्वीरें भी ली हैं, जिससे संकेत मिलता है कि व्हेल को जन्म देने के लिए इन्हें गर्म पानी में जाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे पहले यह अनुमान लगाया जाता था कि बड़ी व्हेल उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में जा कर अपने बच्चों को जन्म देती हैं। लेकिन नया अध्ययन व्हेलों की एक अलग तस्वीर बयां करता है।


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