सीरिया में 17 साल में खर्च किये 7 खरब डॉलर...मिला कुछ नहीं- ट्रंप
ट्रंप ने मीडिया के सवालों पर कहा कि, "अच्छा आप चाहते हैं कि हम वहां रुकें, हो सकता है कि इसके लिए आपको इसकी कीमत भी चुकानी पड़े।"
वाशिंगटन (प्रेट्र)। सीरिया मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से दोहराया कि अमेरिका अपने सैनिकों को वहां से जल्द वापस बुला लेगा। ट्रंप ने कहा कि हमारी प्राथमिकता कुख्यात आतंकवादी समूह आइएसआइएस को हराना है और एक बार ये पूरा हो जता है तो हम सीरिया से अपने सैनिक वापस बुला लेंगे। उन्होंने कहा कि सीरिया में हमारी प्राथमिकता है वहां से आइएसआइएस को हटाना। हम इस काम को लगभग पूरा कर चुके हैं और हम अपने सैनिक को वापस बुलाने के फैसले को जल्द ही ले लेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस में एक ज्वाइंट प्रेस काफ्रेंस में बोल रहे थे। उन्होंने ये बातें इस सवाल के जवाब मेंं कही कि क्या पेंटागन अभी भी सीरिया में रुकने वाला है।
सउदी अरब के साथ अपने संबंध पर सवालों के जवाब में ट्रंप ने कहा कि सउदी अरब उनके इस फैसले में रुचि ले रहा है। सीरिया में अमेरिकी सेना के रुकने के सवाल पर ट्रंप कहा कि, "अच्छा आप चाहते हैं कि हम वहां रुकें, हो सकता है कि इसके लिए आपको इसकी कीमत भी चुकानी पड़े।" उन्होंने कहा कि मध्यपूर्व में अपनी सेना को रोके रखना अमेरिका के लिए भारी पड़ सकता है। इससे जितना हमें फायदा नहीं मिलेगा उससे कहीं ज्यादा दूसरे देशों को फायदा मिलेगा इसलिए हम जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचने वाल हैं।
हमने आइएसआइएस के खिलाफ सफल सैन्य लड़ाई लड़ी है। और हम इस पर निर्णय लेंगे कि निकट भविष्य में अब क्या कर सकते हैं। इसके लिए हम अपने करीबी और सहयोगियों से भी चर्चा कर रहे हैं। ये तय है कि मैं अपनी सेना को वहां से वापस बुलाना चाहता हूं, और अपने देश के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं। हैरानी की बात है कि 17 सालों की कार्रवाई में मध्यपूर्व में हम 7 खरब डॉलर खर्च कर चुके हैं। हमें इसके परिणाम में कुछ नहीं मिला। वहां के नागरिकों को मैं सालों से कह रहा हूं, कि वे तेल पर अपना कब्जा रखे। उन्होंने ऐसा नहीं किया, हमने भी ऐसा नहीं किया फिर किसने तेल खदानों को लूटा। इसका मतलब यही है कि आइएसआइएस ने ही तेल के बड़े मात्रा पर अपना कब्जा कर लिया।
इसी से उनके कैंपेन में फंड मिला। उन्होंने बड़ी मात्रा में तेल क्षेत्रों पर कब्जा किया जिससे उन्हें अपने कैंपेन के लिए फंड मिलता रहा। अब हम वहां से वापस आना चाहते हैं और अपने देश पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि, सोचिए..17 सालों में 7 खरब डॉलर। और इसके बदले में हमने कुछ नहीं पपाया, सिवाय मौत और विनाश के। यह भयानक है। लेकिन अब समय आ गया है। हमने आइएसआइएस के खिलाफ सफल कार्रवाई की। लेकिन कभी-कभी हमें घर भी वापस लौटना होता है, और हम इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।
व्हाइट हाउस के अनुसार, सउदी किंग सलमान बिन के साथ टेलीफोनिक वार्ता में ट्रंप ने मध्यपूर्व में आइएसआइएस के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई के प्रयासों पर चर्चा की। इस दौरान ट्रंप ने खाड़ी देशों के विवादों के निपटारे पर जोर दिया। टेलीफोनिक वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने इजरायल, फलस्तीन सहित कई क्षेत्रीय मुद्दों पर बात की। इसके अलावा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सुधार पर भी चर्चा की।