शिकागो में वेंकैया नायडू बोले-केवल भारत ने ही सभी धर्मों को वास्तविक रूप में स्वीकार किया
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, पशु-पक्षी सहित सबको साथ लेकर चलना और सबका ख्याल रखना हिन्दू की पद्धति है।
शिकागो, एएनआइ। विश्व हिन्दू कांग्रेस में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि हमारे संस्कृति में महिलाओं को इतना सम्मान दिया जाता है कि देश में सारी नदियों का नाम महिलाओं के नाम पर है। यहां तक कि हम लोग देश को पितृभूमि नहीं मातृभूमि कहते हैं। केवल भारत ही अकेला ऐसा देश है जिसने सभी धर्मों को उनके वास्तविक रूप में स्वीकार किया।
एक समय में भारत को विश्व गुरु माना जाता था। हम नाग पंचमी पर सांप को दूध पिलाते हैं जबकि कई बार सांप हमें काट लेता है। हम चींटी को चीनी खिलाते हैं, जबकि कई बार चींटी भी हमें काट लेती है। दरअसल, पशु-पक्षी सहित सबको साथ लेकर चलना और सबका ख्याल रखना हिन्दू की पद्धति है। द्वितीय विश्व हिन्दू कांग्रेस में उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने स्वामी विवेकानंद को याद किया। उप-राष्ट्रपति ने हिन्दू कांग्रेस में कहा कि हिन्दुत्व जीवन जीने की पद्धति है।
शिकागो में सात से नौ सितंबर तक चलने वाला यह विश्व हिंदू सम्मेलन स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण की 125वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित किया गया है। स्वामी विवेकानंद ने साल 1893 में शिकागो में आयोजित धर्म संसद में भाषण दिया था। हर चार साल पर होने वाले इस सम्मेलन में इस बार 80 देशों के ढाई हजार से ज्यादा प्रतिनिधि शिरकत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ताकतवर होने के बाद भी आजतक हमने किसी देश पर हमला नहीं किया। हम आज भी अपनी संस्कृति और सभ्यता का पालन कर रहे हैं क्योंकि हम सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं।