पेंस ने खड़े किए हाथ, कहा- बाइडन की जीत को चुनौती देने की शक्ति उनके पास नहीं, किरकिरी पर पलटे ट्रंप, जानेें पूरा मामला
अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से साफ साफ कह दिया है कि बाइडन की चुनावी जीत को चुनौती देने के लिए उनके पास जरूरी शक्तियां नहीं हैं। इस बीच मीडिया में किरकिरी के बाद ट्रंप अपने दावे से पीछे हट गए हैं...
वाशिंगटन [द न्यूयॉर्क टाइम्स]। अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कहा है कि देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की चुनावी जीत को चुनौती देने के लिए उनके पास जरूरी शक्तियां नहीं हैं। हालांकि ट्रंप इस बात पर लगातार जोर देते रहे हैं कि बाइडन की जीत को चुनौती देने की उपराष्ट्रपति के पास शक्तियां हैं। 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में बताया कि पेंस ने ट्रंप के साथ साप्ताहिक भोज के दौरान उन्हें यह बात बताई। राष्ट्रपति चुनाव में विजेता सुनिश्चित करने के लिए बुधवार देर शाम अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र की बैठक होनी है।
हार मानने को तैयार नहीं ट्रंप
उपराष्ट्रपति पेंस सीनेट की अध्यक्षता करेंगे। डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडन ने ट्रंप को इलेक्टोरल कॉलेज में 232 के मुकाबले 306 मतों से जबकि लोकप्रिय वोटों में 70 लाख से ज्यादा मतों से हराया है। हालांकि इसके बावजूद रिपब्लिकन पार्टी के ट्रंप हार मानने को तैयार नहीं है। वे बार-बार राष्ट्रपति चुनाव में धांधली होने का दावा कर रहे हैं। हालांकि अभी तक उन्होंने इस संबंध में कोई ठोस प्रमाण पेश नहीं किए हैं।
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पलटे ट्रंप, कही यह बात
उधर, ट्रंप ने इस रिपोर्ट को फर्जी बताते हुए कहा है कि पेंस ने उन्हें ऐसा कभी नहीं कहा। उनका कहना है कि वे और उपराष्ट्रपति इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि पेंस के पास ऐसा कदम उठाने के लिए शक्तियां हैं। बता दें कि ट्रंप ने मंगलवार सुबह ट्वीट करते हुए लिखा था कि उपराष्ट्रपति के पास गलत तरीके से चुने गए मतदाताओं को नकारने की शक्ति है। उधर, कुछ सांसदों को मानना है कि तीन प्रांतों मिशिगन, नेवादा और विस्कॉन्सिन के चुनाव परिणामों को लेकर आपत्तियां आ सकती हैं।
बाइडन के पक्ष में तीनों प्रांतों के नतीजे
इन तीनों प्रांतों के परिणाम जो बाइडन के पक्ष में गए हैं। एक तथ्य यह भी निकलकर आ रहा है कि यदि पेंस सीनेट की अध्यक्षता करने में असमर्थ रहते हैं तो यह जिम्मेदारी रिपब्लिकन सदस्य और आयोवा के चार्ल्स ग्रासले को मिल सकती है। इस बात की संभावना तब उठी जब मंगलवार सुबह ग्रासले ने कहा कि सीनेट की अध्यक्षता करने के लिए पेंस वहां मौजूद नहीं होंगे और ऐसी स्थिति में यह जिम्मेदारी उनके हिस्से में आ सकती है। हालांकि बाद में ग्रासले के एक सहयोगी ने कहा कि वह एक काल्पनिक सुझाव दे रहे थे।