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PAK के F-16 विमानों की 24 घंटे निगरानी करेगा US, बालाकोट के बाद भारत पर हमले के लिए हुआ था इस्तेमाल

F-16 वही विमान है जिसकी मदद से पाकिस्तान ने बालाकोट स्ट्राइक के बाद भारत पर हमले की कोशिश की थी जिसे नाकाम कर दिया गया था।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 27 Jul 2019 09:56 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jul 2019 02:18 PM (IST)
PAK के F-16 विमानों की 24 घंटे निगरानी करेगा US, बालाकोट के बाद भारत पर हमले के लिए हुआ था इस्तेमाल
PAK के F-16 विमानों की 24 घंटे निगरानी करेगा US, बालाकोट के बाद भारत पर हमले के लिए हुआ था इस्तेमाल

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका पाकिस्तान के लड़ाकू विमान एफ-16 प्रोग्राम की 24 घंटे मॉनिटरिंग के लिए सपोर्टिंग स्टाफ पाकिस्तान भेजेगा। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने पाकिस्तान को लड़ाकू विमान F-16 की सैन्य बिक्री की मंजूरी दे दी है। ये सौदा 125 मिलियन अमेरिकी डॉलर का है। बता दें कि F-16 वही लड़ाकू विमान है जिसकी मदद से पाकिस्तान ने इस साल बालाकोट स्ट्राइक के बाद भारत पर हमले की कोशिश की थी और भारतीय वायुसेना ने उसके मंसूबों को नाकाम कर दिया था।

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की मुलाकात के 5 दिन बाद शुक्रवार को पेंटागन ने 125 मिलियन डॉलर (860 करोड़ रुपए) के समझौते को मंजूरी दे दी। इसी डील के तहत अमेरिका का तकनीकी स्टाफ पाकिस्तान के एफ-16 प्रोग्राम पर नजर बनाए रखने के लिए 60 लोगों का एक सपोर्टिंग स्टाफ देगा, जो कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड होंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की मुलाकात के 5 दिन बाद शुक्रवार को पेंटागन ने 125 मिलियन डॉलर (860 करोड़ रुपए) के समझौते को मंजूरी दे दी। इसके तहत  अमेरिका पाक के लड़ाकू विमान एफ-16 प्रोग्राम की 24 घंटे मॉनिटरिंग के लिए सपोर्टिंग स्टाफ मुहैया करवाएगा।

दरअसल, ट्रम्प प्रशासन ने पाकिस्तान को रक्षा सहयोग देने के मामले पर जनवरी 2018 में रोक लगा दी थी। यह फैसला अभी भी बरकरार रखा गया है। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद केवल इतना बदलाव आया है कि अमेरिका का तकनीकी स्टाफ पाकिस्तान के एफ-16 प्रोग्राम पर नजर बनाए रखने के लिए सपोर्टिंग स्टाफ देगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया- प्रस्तावित निर्णय पूरी तरह से विदेश नीति और अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को अमेरिकी तकनीकी के जरिए आधार प्रदान करता है। पाकिस्तान को संभावनाओं के अनुरूप ही तकनीकी सुरक्षा टीम मुहैया करवाई जाएगी।

बयान के मुताबिक- पाकिस्तान ने तकनीकी सपोर्ट सर्विस को नियमित बनाए रखने के लिए अमेरिकी सरकार से आग्रह किया था। इसके अंतर्गत पाकिस्तान के एफ-16 प्रोग्राम को अमेरिकी सरकार, कान्ट्रैक्ट पर टेक्निकल और लॉजिस्टिक सपोर्ट सर्विस मिलेगी।

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