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अमेरिका ने कश्मीर में स्थिति सुधारने के लिए भारत सरकार के कदमों को सराहा

अमेरिका जम्मू-कश्मीर में आर्थिक विकास बढ़ाने भ्रष्टाचार कम करने और सभी राष्ट्रीय कानूनों को एकसमान लागू करने के भारत सरकार के लक्ष्य का अमेरिका समर्थन करता है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 07:50 AM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 07:50 AM (IST)
अमेरिका ने कश्मीर में स्थिति सुधारने के लिए भारत सरकार के कदमों को सराहा
अमेरिका ने कश्मीर में स्थिति सुधारने के लिए भारत सरकार के कदमों को सराहा

 न्यूयॉर्क, आइएएनएस। अमेरिका ने जम्मू-कश्मीर में स्थिति सुधारने और स्थानीय अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का स्वागत किया है। भारत से राज्य में मानवाधिकार के लिए अपनी सुरक्षा प्राथमिकता को संतुलित करने का आग्रह किया है। अमेरिका की सहायक विदेश मंत्री एलिस वेल्स ने मंगलवार को इसके साथ ही स्थानीय राजनीतिक नेताओं, कार्यकर्ताओं की हिरासत और इंटरनेट पर रोक को लेकर चिंता भी जताई।

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वेल्स ने कहा, 'अमेरिका स्थानीय और विदेशी आतंकियों द्वारा सामान्य आर्थिक गतिविधियों को अस्थिर करने के लिए निवासियों और कारोबारियों को भयभीत करने के बारे में रिपोर्ट को लेकर चिंतित है।' सहायक विदेश मंत्री ने वाशिंगटन में कांग्रेस उपसमिति द्वारा आयोजित दक्षिण एशिया में मानवाधिकार पर सुनवाई के दौरान यह कहा।

जम्मू-कश्मीर में आर्थिक विकास बढ़ाने, भ्रष्टाचार कम करने और सभी राष्ट्रीय कानूनों को एकसमान लागू करने के भारत सरकार के लक्ष्य का अमेरिका समर्थन करता है। राष्ट्रीय कानून खास तौर से महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिहाज से लागू किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इसके बावजूद विभाग कश्मीर घाटी में स्थिति को लेकर चिंतित है। पांच अगस्त के बाद से इस क्षेत्र के करीब 80 लाख निवासियों की रोजमर्रा की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित है। उन्होंने कहा कि उनके विभाग ने भारत सरकार को स्थानीय निवासियों और तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित राजनीतिक नेताओं की हिरासत के बारे में चिंता से अवगत करा दिया है। हमने भारत के अधिकारियों से मानवाधिकार का सम्मान करने और इंटरनेट एवं मोबाइल सहित सभी प्रकार की सेवाएं बहाल करने का आग्रह किया है।

 शिमला समझौते के अनुसार हो दोनों देशों के बीच वार्ता

सहायक विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका 1972 के शिमला समझौते के अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता का समर्थन करता है। बातचीत की राह में सबसे बड़ा रोड़ा इस्लामाबाद का आतंकी समूहों को दिया जा रहा लगातार समर्थन है। ये समूह ही सीमा पार आतंकी कारनामों में संलिप्त हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में बातचीत ही सर्वाधिक उपयुक्त है। वेल्स ने कहा कि 2006-7 के दौरान बैकचैनल समझौतों के जरिये भारत और पाकिस्तान ने कश्मीर सहित कई मुद्दों पर अच्छी प्रगति की थी।


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