Move to Jagran APP

सैन्‍य ठिकानों के इस्‍तेमाल पर तुर्की की चेतावनी पर सख्‍त हुआ अमेरिका, अंकारा से मांगा जवाब

अमेरिका ने सोमवार को कहा कि वह अंकारा से तुर्की में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले दो रणनीतिक सैन्य ठिकानों को बंद करने पर स्पष्टीकरण चाहता है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 17 Dec 2019 12:52 PM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 12:52 PM (IST)
सैन्‍य ठिकानों के इस्‍तेमाल पर तुर्की की चेतावनी पर सख्‍त हुआ अमेरिका, अंकारा से मांगा जवाब
सैन्‍य ठिकानों के इस्‍तेमाल पर तुर्की की चेतावनी पर सख्‍त हुआ अमेरिका, अंकारा से मांगा जवाब

वाशिंगटन, एजेंसी । वाशिंगटन ने तुर्की के इस बयान को बहुत गंभीरता से लिया है कि यदि उसने नाजायज प्रतिबंध थोपा तो अमेरिकी सेना के इस्‍तेमाल में आने वाला दो सैन्‍य ठिकानों को बंद कर देगा। अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क ओशो ने सोमवार को कहा कि वह अंकारा से तुर्की में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले दो रणनीतिक सैन्य ठिकानों को बंद करने पर स्पष्टीकरण चाहते हैं।

loksabha election banner

तुर्की ने वाशिंगटन के मध्‍य बढ़ते तनाव के बीच रविवार को कहा था कि यदि अमेरिका ने उस पर प्रतिबंध थोपा तो वह इंवर्लिक और कुरेसिक ठिकानों को बंद कर देगा। बता दें कि इंवर्लिक तुर्की का एक बड़ा एयर बेस है। इसको तुर्की सेना के साथ अमेरिकी वायु सेना भी इस्‍तेमाल करती है। तुर्की राष्‍ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने स्‍पष्‍ट चेतावनी दी थी कि यदि अमेरिका किसी तरह का प्रतिबंध लगाता है तो उसको उसी भाषा में जवाव देंगे। बता दें कि यह एयरबेस तुर्की के शहर अदाना में स्थित है।

बता दें कि तुर्की के राष्‍ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन  ने रविवार को एक सरकारी टेलीविजन चैनल से बात करते हुए इंक्रीक और कुरेसिक ठिकानों को बंद करने की धमकी दी थी। यह दोनों सैन्‍य अड्डे तुर्की-सीरिया सीमा के पास तुर्की के दक्षिण-पश्चिम तट पर ठिकाने हैं। अमेरिकी वायु सेना सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह पर किए गए ठिकानों पर छापेमारी के लिए इंवर्लिक हवाई अड्डे का उपयोग करती है। कुरेसिक बेस में एक प्रमुख नाटो NATO का रडार स्टेशन है।

और तल्‍ख हुए अंकार और वाशिंगटन के रिश्‍ते 

सीरिया से अमेरिकी सेना हटने और तुर्की द्वारा उत्‍तर सीरिया में कुर्दों पर लगातार हमले के बाद वाशिंगटन और अंकारा के संबंधों में कभी तनाव देखा गया। हालांकि, इन संबंधों को सामान्‍य बनाने की भी अमेरिका द्वारा पहल भी की गई। दो महीने पूर्व तुर्की राष्‍ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप से फोन पर बात की थी। इसके बाद 19 अक्‍टूबर को सीरिया में संघर्ष विराम को लेकर अमरीकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने तुर्की की यात्रा की थी। उनकी इस यात्रा का लक्ष्‍य उत्‍तरी सीरिया में तुर्की हमले को रोकना था। यह यात्रा ऐसे समय हुई थी, जब तुर्की ने यूरोप और अमेरिका के आग्रह को दरकिनार करते हुए उत्‍तर सीरिया में कुर्द पर अपने हमले जारी रखे हुए था। उपराष्‍ट्रपति ने तुर्की के राष्‍ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन से मुलाकात कर शांति के लिए आग्रह भी किया था लेकिन उनकी यात्रा के कुछ घंटे ही बीते थे कि तुर्की ने उत्‍तर सीरिया पर फ‍िर हमला बोल दिया। अमेरिका का यह प्रयास भी निष्‍फल रहा।

नरम पड़ा अमेरिकी रूख्‍, एर्दोगन ने ट्रंप का न्‍यौता स्‍वीकार किया 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनके तुर्की समकक्ष राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने 13 नवंबर को वाशिंगटन आने का उनका निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। उन्होंने था कि वह तुर्की समकक्ष से मिलने के लिए उत्सुक है। राष्ट्रपति ट्रंप ने तुर्की के राष्ट्रपति के साथ फोन पर बातचीत की उसके बाद उनके व्हाइट हाउस आने का एलान किया था। दोनों नेताओं के बीच फोन पर बातचीत हुई थी। 

विदेश की खबरों के लिए यहां करें क्लिक   


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.