अमेरिकी कंपनियों को गलत तरीके से निशाना बनाने वाले देशों से चिंतित ट्रंप, करेंगे जांच
रिपोर्ट के मुताबिक लगातार आठवें सप्ताह में बेरोजगारी लाभ के लिए नए आवेदनों में कमी आई है जो कभी लगभग 69 लाख चरम पर पहुंच गई थी।
वाशिंगटन, पीटीआइ। कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर के देशों की अर्थव्यवस्था रुक-सी गई है। ऐसे में कई देश अब लॉकडाउन के ठीक देकर अर्थव्यवस्था के पहिए को गति देने के लिए कई उपाय कर रहे हैं। अमेरिका भी इन्हीं देशों में से एक हैं, जहां कोरोना वायरस का प्रकोप सबसे ज्यादा देखने को मिला है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित कई देशों के उन डिजिटल सेवा करों की जांच शुरू करने का फैसला किया है, जिन्हें अमेरिकी टेक कंपनियों को निशाना बनाने के लिए 'गलत तरीके से' लागू किया गया है या उस पर विचार किया जा रहा है। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) रॉबर्ट लाइटहाइजर ने बताया, 'राष्ट्रपति ट्रंप चिंतित हैं कि हमारे कई व्यापारिक भागीदार हमारी कंपनियों को गलत तरीके से निशाना बनाने के लिए तैयार की गई कर योजनाओं को लागू कर रहे हैं।' बताया जा रहा है कि जिन अन्य देशों के खिलाफ जांच शुरू की जा सकती है, उनमें ऑस्ट्रिया, ब्राजील, चेक गणराज्य, यूरोपीय संघ, इंडोनेशिया, इटली, स्पेन, तुर्की और ब्रिटेन शामिल हैं।
रॉबर्ट लाइटहाइजर ने कहा, 'हम इस तरह के किसी भी भेदभाव के खिलाफ अपने व्यवसायों और श्रमिकों की रक्षा के लिए समुचित कार्रवाई के लिए तैयार हैं। इन करों को डिजिटल सेवा कर या डीएसटी कहा जाता है। उपलब्ध साक्ष्य बताते हैं कि डीएसटी से अमेरिका की बड़ी तकनीकी कंपनियों को निशाना बनाने की कोशिश की जा सकती है।'
यूएसटीआर ने कहा कि भारत ने मार्च 2020 में दो प्रतिशत के डीएसटी को अपनाया। यह कर सिर्फ भारत से बाहर रहकर काम करने वाली कंपनियों पर लागू होता है और ये कंपनियां भारत में किसी व्यक्ति को वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन बिक्री करती हैं।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अमेरिका में बेरोजगारी ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई थी। 50 लाख से ज्यादा लोगों ने बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया था। अमेरिका में अप्रैल में बेरोजगारी की दर 14.7 प्रतिशत थी, हालांकि अब इसमें कमी देखने को मिल रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, लगातार आठवें सप्ताह में बेरोजगारी लाभ के लिए नए आवेदनों में कमी आई है, जो कभी लगभग 69 लाख चरम पर पहुंच गई थी। ऐसे में अब ट्रंप कई और विकल्प अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। इन्हीं में से एक भारत सहित कई देशों के डिजिटल सेवा करों की जांच शुरू करने का फैसला है।