Move to Jagran APP

अमेरिका ने म्यांमार सेना प्रमुख पर लगाया प्रतिबंध, परिवार भी नहीं कर पाएगा देश में प्रवेश

अमेरिका ने रोहिंग्याओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर म्यांमार के आर्मी चीफ पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके तहत वह और उनका परिवार अमेरिका में प्रवेश नहीं कर सकता है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 09:58 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 10:00 AM (IST)
अमेरिका ने म्यांमार सेना प्रमुख पर लगाया प्रतिबंध, परिवार भी नहीं कर पाएगा देश में प्रवेश
अमेरिका ने म्यांमार सेना प्रमुख पर लगाया प्रतिबंध, परिवार भी नहीं कर पाएगा देश में प्रवेश

वॉशिंगटन, आइएएनएस। अमेरिका ने म्यांमार के सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ और दक्षिण पूर्व एशियाई देश के तीन अन्य शीर्ष सैन्य नेताओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह सभी और उनके परिवार अमेरिका में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। दरअसल, रोहिंग्या जातीय अल्पसंख्यक वर्ग के सदस्यों की हो रही हत्याओं की वजह से प्रतिबंध लगाए गया हैं। ये सबसे प्रतिबंधात्मक प्रतिबंध हैं जो अमेरिका ने अब तक लगाए हैं, एफई समाचार के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र के विशेष आयोग ने पिछले साल रोहिंग्या के खिलाफ सैनिकों और आतंकवादी समूहों द्वारा किए गए अपराध को मानवता के विरुध बताया था। 

loksabha election banner

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि इस घोषणा के साथ, संयुक्त राज्य अमेरिका पहली ऐसी सरकार है जो बर्मी सेना के सबसे वरिष्ठ नेतृत्व के संबंध में सार्वजनिक रूप से कार्रवाई करती है। बयान में कहा गया है, हमने इन कमांडरों की मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन में संलिप्तता की विश्वसनीय जानकारी के आधार पर "रोहिंग्या की जातीय सफाई के दौरान उत्तरी राखाइन राज्य में असाधारण हत्याएं" शामिल की हैं।

यह प्रतिबंध जनरल आंग ह्लाइंग (राष्ट्रीय सेना के कमांडर-इन-चीफ) और उनके नंबर दो, सो विन, साथ ही 33 वें लाइट इन्फैंट्री डिवीजन, आंग आंग, और उनके समकक्ष के ब्रिगेडियर जनरल के खिलाफ हैं। 99 वें इन्फैंट्री डिवीजन, थान ओओ। इन सभी को और इनके परिवारों को अमेरिका में आने से प्रतिबंधित कर दिया है। अमेरिका के शीर्ष राजनयिक ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बर्मा (म्यांमार) सरकार ने मानवाधिकारों के उल्लंघन और दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार लोगों को खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। साथ ही कहा कि मानव अधिकारों के उल्लंघन और दुर्व्यवहार की रिपोर्ट जारी थी। 

723,000 से अधिक रोहिंग्या सेना के एक सैन्य अभियान की वजह से रोहिंग्या अगस्त 2017 से राखीन की सीमा पार कर बांग्लादेश भाग गए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने आरोप लागाया कि ऐसा इस वजह से हुआ है क्योंकि वहां नरसंहार और जातीय सफाई का आरोप लगाया गया है। जबकि, बर्मी सेना ने आरोपों से इनकार किया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.