भारत के पक्ष में खड़े हुए सीनेटर शुमर, बाइडन से कहा- आठ करोड़ डोज वैक्सीन में भारत का हिस्सा अलग करो
अमेरिकी सीनेटर चक शूमर ने राष्ट्रपति जो बाइडन से अनुरोध किया है कि विभिन्न देशों को दी जाने वाली आठ करोड़ डोज वैक्सीन में वे भारत का हिस्सा अलग करके रख दें। इससे पहले जरूरत के समय भारत ने पीपीई किट भेजकर अमेरिका की मदद की थी।
वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिकी सीनेटर चक शूमर ने राष्ट्रपति जो बाइडन से अनुरोध किया है कि विभिन्न देशों को दी जाने वाली आठ करोड़ डोज वैक्सीन में वे भारत का हिस्सा अलग करके रख दें। बाइडन को लिखे एक पत्र में शूमर ने कहा है कि इससे पहले जरूरत के समय भारत ने पीपीई किट भेजकर अमेरिका की मदद की थी।
अमेरिका विभिन्न देशों को आठ करोड़ डोज वैक्सीन देगा
हम हमारी बारी है कि हम बदले में भारत के लोगों की मदद करें। उन्होंने पत्र में राष्ट्रपति से कहा, 17 मई को आपके प्रशासन ने एलान किया था कि वह विभिन्न देशों को आठ करोड़ डोज वैक्सीन देगा। अमेरिका के पास अपने लोगों को सुरक्षित करने के लिए पर्याप्त से ज्यादा वैक्सीन उपलब्ध है। ऐसे में हम एस्ट्राजेनेका और अन्य वैक्सीन दुनिया के अन्य देशों को भेज सकते हैं। इसे देखते हुए मेरा आपसे अनुरोध है कि भारत को अच्छी मात्रा में वैक्सीन का आवंटन करें, ताकि इस वैश्विक संकट का जल्द अंत हो सके। मैं आपसे कहना चाहता हूं कि आठ करोड़ डोज में से भारत के हिस्से की वैक्सीन अलग करके रख दें, जिसे अगले कुछ महीनों में उसे दिया जाना है।
अवैध ड्रग्स से निपटने पर चर्चायूएस
इंडिया काउंटर नार्कोटिक्स वर्किंग ग्रुप ने अवैध ड्रग्स पर दूसरी वर्चुअल बैठक की। इस दौरान अवैध ड्रग्स की समस्या से निपटने के लिए विचारों का आदान-प्रदान किया गया। एक संयुक्त बयान में कहा गया कि भारत और अमेरिका अवैध ड्रग्स के खतरे को कम करने के लिए सहयोग बढ़ाएंगे। इस दिशा में द्विपक्षीय नीतिगत कार्ययोजना बनाने के लिए दोनों देश प्रतिबद्ध हैं।
छात्रों के लिए कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर गाइडलाइन जारी
उधर, कोरोना महामारी से दुनिया के तमाम देशों में सबसे अधिक प्रभावित अमेरिका फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा है। इस क्रम में अब नए सेमेस्टर से पहले यहां की यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों के लिए कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है। इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन से अनुमोदन प्राप्त कोरोना वैक्सीन को मान्यता दिया जा रहा है। इसलिए ही निर्देश जारी किया गया है कि जिन छात्रों ने कोवैक्सीन या स्पुतनिक वी की खुराक ली है उन्हें दूसरी वैक्सीन लेनी होगी। अमेरिका के चार सौ से अधिक कालेजों और विश्वविद्यालयों में नए सेमेस्टर से पहले टीकाकरण नीति घोषित कर दी गई है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जिन छात्रों ने भारत की कोवैक्सीनया रूस की स्पूतनिक वी टीका लगवाया है, वह मान्य नहीं होगा। उनको दोबारा टीकाकरण कराना होगा।