Russia Ukraine War: रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत से मदद चाहता है अमेरिका, यूएस के राष्ट्रीय सुरक्षा समन्वयक ने जताई इच्छा
भारत ने हाल में मास्को पर वैश्विक प्रतिबंधों के बावजूद रूस से ऊर्जा आयात में वृद्धि की है। भारत-रूस के बीच आर्थिक सहयोग के विकास के लिए कई तंत्र स्थापित किए गए हैं लेकिन यूक्रेन युद्ध और उसके बाद पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध से व्यापार में बाधा पहुंची
वाशिंगटन, एएनआइ: यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत की मदद चाहता है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा समन्वयक जान किर्बी ने शनिवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा, अमेरिका भारत के साथ एक गहरी साझेदारी साझा करता है। वाशिंगटन चाहता है कि यूक्रेन संघर्ष के बीच भारत सहित अन्य देश रूस पर दबाव बनाएं।
किर्बी खुशी जताई कि भारत जी-7 बैठक में भी शामिल होगा। भारत के साथ एजेंडे पर चर्चा करने के लिए बहुत कुछ है। हमारी उनके साथ रक्षा क्षेत्र में भी गहरी साझेदारी है। राष्ट्रपति बाइडन यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि पुतिन पर दबाव बनाया जाए ताकि उनके लिए युद्ध जारी रखना कठिन हो। जाहिर है हम सभी देशों को इस तरह के प्रयासों में भाग लेते देखना चाहते हैं।
गौरतलब है कि भारत ने हाल में मास्को पर वैश्विक प्रतिबंधों के बावजूद रूस से ऊर्जा आयात में वृद्धि की है। भारत-रूस के बीच आर्थिक सहयोग के विकास के लिए कई संस्थागत तंत्र स्थापित किए गए हैं, लेकिन यूक्रेन युद्ध और उसके बाद पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध से व्यापार में बाधा पहुंची है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस महीने की शुरुआत में यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से भारतीय तेल खरीद की अनुचित आलोचना पर पलटवार किया, जिसने विश्व अर्थव्यवस्था पर असर डाला है।
रूस से भारत के तेल आयात का बचाव करते हुए, जयशंकर ने जोर देकर कहा कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि यूक्रेन संघर्ष विकासशील देशों को कैसे प्रभावित कर रहा है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि केवल भारत से ही सवाल क्यों किया जा रहा है जबकि यूरोप यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से गैस का आयात जारी रखता है। स्लोवाकिया में GLOBSEC 2022 ब्रातिस्लावा फोरम में, जयशंकर ने कहा, यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के पैकेज कुछ यूरोपीय देशों के हितों को ध्यान में रखते हुए लगाए गए हैं।