वेनेजुएला में सत्ता संघर्ष की आंच भारत तक पहुंची, अमेरिका ने किया ये अनुरोध
पोम्पिओ और भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले की संयुक्त बैठक के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि भारत इस मामले में अमेरिकी नीति का समर्थन करेगा।
वाशिंगटन [ एजेंसी ]। वेनेजुएला में सत्ता संघर्ष के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने उम्मीद जताई है कि भारत निकोलस मादुरो से तेल नहीं खरीदेगा। पोम्पिओ और भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले की संयुक्त बैठक के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि 'हम उम्मीद करते हैं कि भारत इस मामले में अमेरिकी नीति का समर्थन करेगा।' अमेरिका, वेनेजुएला के मौजूदा राष्ट्रपति मादुरो के बजाय कार्यवाहक राष्ट्रपति गुएडो का समर्थन करता है।
पत्रकारों से बात करते हुए पोम्पिओ ने कहा कि भारतीय विदेश सचिव के साथ हमारी सकारात्मक वार्ता हुई है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारत ईरान के मामले में हमारे प्रयासों का समर्थन करता है, मुझे विश्वास है कि वह वेनेजुएला मामले में भी अमेरिकी नीति का सपोर्ट करेगा। विदेश मंत्री ने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत वेनेजुएला के राजनीतिक संकट के साथ-साथ वहां के मानवीय त्रास्दी को भी ध्यान में रखेगा। पोम्पिओ ने रूस और चीन का नाम लिए बगैर कहा कि राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का समर्थन करने वाले राष्ट्र एक अवैध सत्ता का समर्थन करते हैं।
वेनेजुएला में विदेशी हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया के कुछ मुल्क मादुरो को अस्त्र-शस्त्र की आपूर्ति कर रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका वेनेजुएला में शस्त्रों की आपूर्ति करने वाले और वहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने वाले राष्ट्रों के बीच स्पष्ट रेखा खींचता है। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा कि कुछ विदेशी वित्तीय संस्थान मादुरो और उसके सहयोगियों के बीच नाजायज लेनदेन की सुविधा प्रदान करते हैं।
गौरतलब है कि वेनेजुएला के सत्ता संघर्ष में निकोलस मादुरो को रूस और चीन का समर्थन हासिल है, वही गुएडो को अमेरिका समेत कई लैटिन अमेरिकी और विकसित मुल्कों का समर्थन हासिल है। 2016 में वेनेजुएला में गुएडो ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए अपने आपको कार्यवाहक राष्ट्रपति बन गए थे। गुएडो की मांग है कि वेनेजुएला में राष्ट्रपति का चुनाव कराया जाए, इस चुनाव का मादुरो विरोध कर रहे हैं। वेनेजुएला के इस सत्ता संघर्ष में अमेरिका और रूस आमने-सामने हैं।