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कोरोना वायरस के सीजनल चक्र में वापस लौटने की तीव्र आशंका, जल्द तैयार करनी होगी वैक्सीन: US साइंटिस्ट

राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान में संक्रामम रोगों में अनुसंधान का नेतृत्व करने वाले एंथोनी फौसी ने कोरोना वायरस को लेकर यह जानकारी दी है।

By Neel RajputEdited By: Published: Thu, 26 Mar 2020 07:58 AM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2020 07:58 AM (IST)
कोरोना वायरस के सीजनल चक्र में वापस लौटने की तीव्र आशंका, जल्द तैयार करनी होगी वैक्सीन: US साइंटिस्ट
कोरोना वायरस के सीजनल चक्र में वापस लौटने की तीव्र आशंका, जल्द तैयार करनी होगी वैक्सीन: US साइंटिस्ट

वॉशिंगटन, एजेंसी। यूएस के एक साइंटिस्ट ने कहा है कि कोरोना वायरस के सीजनल साइकिल में वापस लौटने के काफी ज्यादा आसार हैं। ऐसे में इसके लिए तत्काल रूप से वैक्सीन और प्रभावी ट्रीटमेंट खोजना बहुत जरूरी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान में संक्रामक रोगों में अनुसंधान का नेतृत्व करने वाले एंथोनी फौसी ने कोरोना वायरस को लेकर यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि यह वायरस उन देशों में फैलना शुरू कर रहा है जहां सर्दियों क शुरूआत हो रही है।

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उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि दक्षिणी अफ्रीका और दक्षिणी गोलार्ध में ऐसे मामले आने शुरू हो रहे हैं, जहां सर्दियों की शुरूआत हो रही है। यदि इन जगहों पर इसका प्रकोप है तो हमें दूसरी साइकिल के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने आगे कहा कि इससे बचने के लिए जल्द से जल्द वैक्सीन तैयार करने की जरूरत है ताकि दूसरी बार इसकी प्रकोप से बचा जा सके।

अभी तक सिर्फ दो ही वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल किया गया है, इनमें से एक चीन द्वारा तैयार की गई है दूसरी अमेरिका ने बनाई है और इनके नियोजन में एक साल या 6 महीने का समय लग सकता है।

फोसी ने आगे कहा कि मैं जानता हुं कि हम इसे हराने में जरूर कामयाब होंगे लेकिन हमें आगे भी इसके अन्य चक्र से निपटने के लिए तैयार रहने की जरूरत है। फोसी के मुताबिक यह वायरस गर्मी के मुकाबले सर्दी में अधिक सक्रिय होता है। इसके पीछे उन्होंने वजह दी है कि श्वसन ड्रॉपलेट्स सर्दी में अधिक समय तक हवा में रहती हैं और ठंड प्रतिरोधक क्षमता को भी कमजोर करती हैं।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि वायरस गर्मी में जल्दी खत्म हो पाता है क्योंकि इसके चारों ओर मौजूद फैट की प्रोटेक्टिव लेयर जल्दी ड्राई होकर टूट जाती है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि संक्रमण का खतरा होने का यह मतलब नहीं है कि वायरस पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। इसका उदाहरण ऑस्ट्रेलिया हमारे सामने है यहां गर्मी के बावजूद 2,500 मामलों की पुष्टि हो चुकी है जबकि 8 लोगों की इसकी वजह से मर चुके हैं।


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