लीबिया में रूसी वायुसेना ने मार गिराया था अमेरिकी ड्रोन, गत महीने त्रिपोली के पास हुआ था लापता
अमेरिकी सेना का दावा है कि पिछले महीने लीबिया की राजधानी त्रिपोली के निकट लापता हुए उसके हथियार रहित ड्रोन को वास्तव में रूसी वायुसेना ने मार गिराया था।
वाशिंगटन, रायटर। अमेरिकी सेना का दावा है कि पिछले महीने लीबिया की राजधानी त्रिपोली के निकट लापता हुए उसके हथियार रहित ड्रोन को वास्तव में रूसी वायुसेना ने मार गिराया था। अमेरिकी सेना ने ड्रोन के मलबे को वापस करने की मांग की है। अमेरिकी अफ्रीका कमान ने यह जानकारी दी।
कमान का कहना है कि यह घटना तेल संपन्न देश लीबिया के गृहयुद्ध में रूसी भूमिका को उजागर करती है। वह इस गृहयुद्ध में पूर्वी लीबिया के कमांडर खलीफा हफ्तार की तरफ से दखल दे रहा है। हफ्तार ने त्रिपोली पर कब्जे का एलान किया है, जो अभी लीबिया की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य सरकार गवर्नमेंट ऑफ नेशनल अकॉर्ड (जीएनए) के नियंत्रण में है।
अमेरिकी अफ्रीका कमान के प्रमुख जनरल स्टीफेन टाउनसेंड ने क्या कहा
अमेरिकी अफ्रीका कमान के प्रमुख जनरल स्टीफेन टाउनसेंड ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि हमले के समय वायु सैनिकों को यह पता नहीं होगा कि रिमोट संचालित ड्रोन अमेरिका का है, लेकिन अब उसे निश्चित तौर पर पता होगा कि ड्रोन किसका है? मुझे नहीं पता कि अब वह कहां है, लेकिन मैं उसे लेकर कोई सौदा नहीं करने जा रहा हूं।' अमेरिका का मानना है कि 21 नवंबर को उसके ड्रोन पर हमला रूसी निजी सैन्य ठेकेदारों या हफ्तार की कथित लीबियन नेशनल आर्मी ने किया होगा।
विदेशी मिलिट्री थियेटर में सैन्य ठेकेदारों का उपयोग से इन्कार
रूसी अधिकारी किसी भी विदेशी मिलिट्री थियेटर में सैन्य ठेकेदारों का उपयोग करने से इन्कार करते हैं। उनका कहना है कि कोई भी रूसी नागरिक जो विदेश में लड़ रहा है उसे उनका समर्थन नहीं है। एलएनए इस बात से इन्कार करता है कि इसमें विदेशी समर्थन है। एक वर्तमान और एक पूर्व रूसी ठेकेदार ने रॉयटर्स को बताया कि सितंबर से एलएनए को एक रूसी समूह के कई निजी सैन्य ठेकेदारों से जमीनी समर्थन मिला था।
हफ्तार को समर्थन
बता दें कि इस्लामिक-झुकाव वाले सशस्त्र समूहों से त्रिपोली को छुटकारा दिलाने के लिए लड़ने का दावा करने वाले हाफ्टर को संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र से समर्थन मिला है।