अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर लगाए गए प्रतिबंध खत्म, सीडीसी ने प्रतिबंधित देशों की सूची हटाई
सीडीसी ने 20 स्थानों पर यात्रा नहीं की चेतावनी को हटा दिया लेकिन दुनिया के अधिकांश हिस्सों से दूर रहने की सलाह दी है।
वाशिंगटन, एजेंसी। ट्रंप प्रशासन ने कोरोना वायरस के चलते अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के खिलाफ अपनी चेतावनी को रद कर दिया है। प्रशासन ने आगे कहा है कि अब ऐसे हालात है कि लंबे समय तक यह चेतावनी जारी नहीं की जा सकती है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने अपनी COVID-19 यात्रा सलाहकार सूचना को संशोधित करने के तुरंत बाद यह कदम उठाया है। सीडीसी ने 20 स्थानों पर 'यात्रा नहीं' की चेतावनी को हटा दिया, लेकिन दुनिया के अधिकांश हिस्सों से दूर रहने की सलाह दी है।
अमेरिकी राज्य विभाग ने कहा है कि कुछ देशों में स्वास्थ्य और सुरक्षा की स्थिति में सुधार हुआ है। विभाग ने कहा कि यात्रा संबंधी सलाह के लिए यात्रियों को विस्तृत जानकारी देने के लिए विशिष्ट स्तर की प्रणाली को अपनाएगा। राज्य विभाग ने साफ किया कि वह अमेरिकी नागरिकों को प्रत्येक देश में कोरोना महामारी की वर्तमान स्थिति के बारे में अधिक विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा। हालांकि, विभाग ने कहा कि अमेरिकी नागरिकों विदेश यात्रा करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
इसके पूर्व सीडीसी ने अपने यात्रा संबंधी सलाह में संशोधन करते हुए कहा था कि कैसे अलग-अलग जगहों पर कोरोना वायरस फैल रहा है। इसके साथ कोरोना के नए मामलों से निपटने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली कैसे काम कर रही है। सीडीसी के अनुसार थाइलैंड, फिजी और न्यूजीलैंड सहित सात स्थानों को कम जोखिम वाले समूह में शामिल किया था। इसके अलावा वृद्ध और व्यस्क लोगों को अपने डॉक्टरों से सलाह के बाद यात्रा करने की सलाह दी थी। इतना ही नहीं सीडीसी ने 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय स्थानों पर यात्रा नहीं करने की सलाह दी थी। केे बीच
कोरोना वायरस प्रकोप के बीच अमेरिका ने भारत और चीन सहित विदेश जाने वाले अपने नागरिकों के लिए एक नई ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। भारत को लेवल -4 श्रेणी में रखा गया है। यानी यात्रा न करने की सलाह दी गई है। वहीं चीन को भी इसी श्रेणी में रखा गया है। बता दें कि चीन के वुहान शहर में कोरोना का पहला मामला सामने आया था। पिछले सात महीने में संक्रमण से सात लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं लगभग दो करोड़ मामले सामने आ गए हैं।