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Virtual Summit : चिनफिंग ने बाइडन को कहा- 'My Old Friend', अमेरिका के साथ सहयोग बढ़ाने पर दिया जोर

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच वर्चुअल समिट शुरू हो गई है। चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका के साथ वार्ता बढ़ाने की आवश्यकता है जानें राष्ट्रपति बाइडन ने क्या दिया जवाब

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 16 Nov 2021 06:49 AM (IST)Updated: Tue, 16 Nov 2021 07:19 AM (IST)
Virtual Summit : चिनफिंग ने बाइडन को कहा- 'My Old Friend', अमेरिका के साथ सहयोग बढ़ाने पर दिया जोर
अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन की चीनी समकक्ष चिनफिंग के साथ वर्चुअल समिट शुरू

 वाशिंगटन, एएफपी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच वर्चुअल समिट शुरू हो गई है। चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका के साथ वार्ता बढ़ाने की आवश्यकता है वहीं राष्ट्रपति बाइडन ने कहा हैै कि अमेरिका-चीन के बीच तनाव को कम करने के लिए 'गार्डरेल (Guardrails)' की जरूरत है।  

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व्हाइट हाउस में लगे बड़े टीवी स्क्रीन पर शी चिनफिंग से बाइडन ने बात की। चीनी राष्ट्रपति ने बाइडन को 'मेरे पुराने मित्र (My Old Friend)' कहकर संबोधित किया लेकिन यह भी कहा कि प्रतिद्वंद्वियों को करीब से काम करना आवश्यक है। उन्होंने कहा, 'चीन और अमेरिका को बातचीत के साथ सहयोग को बढ़ाने की जरूरत है।' जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति के पद का शपथ लेने के बाद से बाइडन और चिनफिंग के बीच दो बार फोन पर बातचीत हो चुकी है। लेकिन शी महामारी के कारण दूसरे देशों के दौरे से एहतियात बरत रहे हैं और इसलिए आनलाइन माध्यम के जरिए ही सभी देशों से संपर्क में हैं।

बता दें कि समिट से पहले चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि वार्ता में चीन रिश्तों को सही रास्ते पर लाने के लिए कहेगा। यह रास्ता स्थिर विकास का होना चाहिए। चीन और अमेरिका साथ आकर यह कार्य बेहतर तरीके से कर सकते हैं। वार्ता में चीन-अमेरिका संबंधों से जुड़े रणनीतिक मसलों पर चर्चा होगी, जो दोनों देशों के भविष्य के संबंधों से जुड़े होंगे। जबकि व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा था कि दोनों नेता जिम्मेदारियों को निभाने पर बात करेंगे। सही तरीके की जिम्मेदारियां निभाने में दोनों देश मुकाबला करें जिससे दोनों देशों ही नहीं पूरी दुनिया का कल्याण हो। साकी ने कहा कि चीन को लेकर हमारी चिंताएं स्पष्ट हैं। हम मानवाधिकार, व्यापार, तकनीक मसलों और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की सैन्य आक्रामकता पर चर्चा करेंगे।

पांच साल के तीसरे कार्यकाल के लिए पार्टी का समर्थन प्राप्त कर चुके चिनफिंग चीन में माओ त्से तुंग के बाद सबसे बड़े नेता बनकर उभरे हैं। संसद उन्हें ताजिंदगी राष्ट्रपति बनाए रखने का प्रस्ताव भी पारित कर चुकी है।


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