ट्रंप ने फिर अलापा कश्मीर पर मध्यस्थता का राग, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया करारा जवाब
कश्मीर विवाद पर मध्यस्थता को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब दिया है।
बैंकॉक, एएनआइ। कश्मीर मामले में मध्यस्थता को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एकबार फिर बयान दिया है। ट्रंप ने कहा है कि अगर भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चाहें तो वो इस मसले में मदद के लिए तैयार हैं। भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करने की पेशकश को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया और साथ ही दोहराया कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर, 9वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ASEAN Summit) के विदेश मंत्रियों की बैठक के दूसरे दिन अपने अमेरिकी समकक्ष विदेश मंत्री माइकल पोम्पिओ से मिले। इस दौरान उन्होंने कहा कि कश्मीर पर कोई चर्चा केवल भारत और पाकिस्तान के बीच होगी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पोम्पिओ से मुलाकात के बाद ट्वीट किया, 'आज सुबह अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ को स्पष्ट शब्दों में अवगत कराया कि कश्मीर पर कोई भी चर्चा, यदि सभी संभव हैं तो वह केवल और केवल पाकिस्तान के साथ होगी।'
Have conveyed to American counterpart @SecPompeo this morning in clear terms that any discussion on Kashmir, if at all warranted, will only be with Pakistan and only bilaterally.— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 2, 2019
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पत्रकारों ने कश्मीर मसले में मध्यस्थता को लेकर सवाल पूछा था। जिसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि अगर भारत-पाकिस्तान चाहें तो वो इस मसले पर मध्यस्थता के लिए तैयार हूं।ट्रंप ने अपने पूरे बयान में कहा, 'ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाक पीएम इमरान खान के ऊपर है। वे शानदार लोग हैं, अगर वो चाहते हैं कि इस मसले में मदद के लिए कोई हस्तक्षेप करे। मैंने इसको लेकर पाकिस्तान और भारत से बात की है, क्योंकि लेकिन लंबे समय से यह लड़ाई चल रही है।'
ट्रंप ने साथ ही कहा, 'यह वास्तव में पीएम मोदी पर निर्भर है। मैं प्रधानमंत्री इमरानखान से मिला, मुझे बहुत अच्छा लगा। मुझे लगता है कि वे दोनों(इमरान खान और नरेंद्र मोदी) एक शानदार व्यक्ति हैं। मेरा मतलब है कि मैं सोचता हूं कि वे बहुत अच्छी तरह से मिल सकते हैं।'
'पीएम मोदी ने मध्यस्थता का आग्रह किया'
बता दें, डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिनों पहले कहा था कि PM मोदी ने उनसे कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने का आग्रह किया है। हालांकि अमेरिकी विदेश विभाग ने इसके तुरंत बाद उनके इस बयान से किनारा करते हुए स्पष्ट किया था कि अमेरिका इसे द्विपक्षीय मसला मानता है।
भारत की ओर से भी इसको लेकर आपत्ति जताई गई है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट करके लिखा कि भारत ने कभी भी ऐसी पेशकश नहीं की। रवीश कुमार ने लिखा, 'हमने राष्ट्रपति ट्रंप का मीडिया को दिया गया बयान सुना कि अगर भारत और पाकिस्तान उनसे आग्रह करें, तो वो कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने को तैयार हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति से ऐसा कोई आग्रह नहीं किया है।'
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