उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों का विस्तार करने के लिए अमेरिका पूरी तरह से तैयार
संदिग्ध जहाजों को पहले भी पकड़ा जा चुका है लेकिन नए अभियान के बाद इस प्रक्रिया में तेजी आएगी।
वाशिंगटन (रायटर्स)। ट्रम्प प्रशासन और प्रमुख एशियाई सहयोगियों ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वाले जहाजों को बड़े पैमाने पर रोकने की तैयारी कर रहे हैं। इस मामले में अमेरिकी तटरक्षक बल की तैनाती की जाएगी जो एशिया-प्रशांत महासागरों में इस प्रकार के जहाजों की पहचान करेगी। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने ये कहा है। इस संबंध में वाशिंगटन अपने क्षेत्रीय सहयोगी देशों जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर के साथ लगातार वार्ता कर रहा है।
हालांकि संदिग्ध जहाजों को पहले भी पकड़ा जा चुका है लेकिन नए अभियान के बाद इस प्रक्रिया में तेजी आएगी। इस बीच प्योंगयांग ने चेतावनी दी है कि वह अमेरिका के इस कदम को एक युद्ध की तरह देखेगा। अमेरिका के इस अभियान में वायुसेना और नेवी भी शामिल होंगे। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया, इसमें कोई शक नहीं है कि हम सभी को इस दिशा में अधिक से अधिक प्रयास करना है।
वाशिंगटन ने शुक्रवार को एक दर्जन से अधिक कंपनी और जहाज पोतों को उत्तर कोरिया में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया साथ ही यूएन को उन देशों को ब्लैकलिस्टेड करने का आग्रह किया। आपको बता दें कि, चीन और रुस ने अमेरिका के इन प्रतिबंधों को शुरु से ही मानने से इनकार कर दिया है अब अमेरिका के नए फैसले के बाद वे फिर इसका विरोध कर सकते हैं।
इसी महीने अमेरिकी राज्य सचिव रेक्स टिलरसन जापान के दौरे पर गए थे। इस दौरान जापान के रक्षा मंत्री ने कहा था कि हम अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर ये फैसला कर रहे हैं कि उत्तर कोरिया पर पूरी तरह से प्रतिंबधों को किस प्रकार से लागू किया जा सकता है। कहा कि दूसरे देशों के सहयोग के बारे में वे कुछ नहीं कह सकते हैं लेकिन जापान का सहयोग अमेरिका के साथ बना रहेगा।
अधिकारियों ने कहा कि वाशिंगटन विशेष रूप से समुद्र के माध्यम से प्रतिबंधित वस्तुओं के स्थानांतरण का पता लगाने में दिलचस्पी रखता है। दिसंबर में इस बात की सूचना मिली थी कि उत्तर कोरिया को ईंधन की आपूर्ति की आवश्यकता थी। उस वक्त अमेरिका के पास यह सबूत था कि चीन सहित कई देशों के जहाजों ने उत्तर कोरिया को तेल उत्पादों और कोयले की आपूर्ति की थी। चीन ने हालांकि इस आरोप से इनकार किया था।