Move to Jagran APP

चीन-अमेरिका के बीच तनाव की वजह बना ह्यूस्‍टन काउंसलेट बंद करने का आदेश

चीन और अमेरिका के बीच अब ह्यूस्‍टन काउंसलेट तनाव का बड़ा कारण बन गया है। अमेरिका ने इसको बंद करने का आदेश जारी करने के साथ चीन पर कई आरोप भी लगाए हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 05:28 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 10:29 AM (IST)
चीन-अमेरिका के बीच तनाव की वजह बना ह्यूस्‍टन काउंसलेट बंद करने का आदेश

वाशिंगटन (न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स)। अमेरिका और चीन के बाद टकराव बढ़ता ही जा रहा है। एक दूसरे देशों के राजनेताओं को प्रतिबंधित करने के बाद अब ट्रंप प्रशासन ने एक बार फिर से चीन के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत अमेरिका ने उसके ह्यूस्‍टन (टेक्सास) स्थित वाणिज्‍यक दूतावास को बंद करने का आदेश दिया है। इसको बंद करने के लिए चीन को 72 घंटे का समय दिया गया है। आदेश के तहत चीन को शुक्रवार तक अपना ये वाणिज्‍यक दूतावास बंद करना होगा।

loksabha election banner

आदेश की जानकारी देते हुए अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ने अपनी बौद्धिक संपदा और अपने नागरिकों की निजी जानकारी की सुरक्षा के लिए इस वाणिज्यिक दूतावास को बंद करने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं अमेरिका ने ये भी आरोप लगाया है कि चीन इसके जरिये अमेरिका में देश विरोधी गतिविधियाँ कर रहा था।

वहीं इस आदेश के बाद चीन ने भी कड़ा रुख इख्तियार कर लिया है। चीन ने एक बार फिर से अमेरिकी प्रशासन को जवाबी कार्रवाई की धमकी दे डाली है। आपको बता दें कि बीते कुछ समय से ये दोनों देश एक दूसरे के खिलाफ लगातार सख्‍ती से पेश आ रहे हैं। इस आदेश के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय ने इस फैसले को पूरी तरह से अनुचित बताते हुए इसको रद करने की मांग की है।

बुधवार को कॉपनहेगन में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियों ने कहा था कि अमेरिका बखूबी जानता है कि चीन की कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी से कैसे पेश आया जाए। उन्‍होंने कहा था कि यदि चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है तो उन्‍हें सख्‍त कदम उठाने होंगे। इसके अलावा अमेरिकी विदेश मंत्रालय में पूर्वी एशिया के विशेषज्ञ डेविड आर स्टिलवेल का कहना है कि बीते छह माह से चीन कोरोना वायरस से जुड़ी वैक्‍सीन की जानकारियों को चुराने की कोशिश में लगा है। हालांकि उन्‍होंने माना कि इसके सुबूत फिलहाल उनके पास नहीं हैं।

डेविड का कहना है कि ह्यूस्‍टन के काउंसिल जनरल को दो अन्‍य चीनी अधिकारियों के साथ झूठी जानकारी के तहत सफर करने के आरोप में जॉर्ज बुश इंटरकॉन्टिनेंटल एयरपोर्ट से पकड़ा गया है। उन्‍होंने ये भी कहा कि ह्यूस्‍टन कांउसलेट का इतिहास भी ऐसा ही रहा है। उनके मुताबिक अमेरिका में ये चीन का सबसे बड़ा ठिकाना है जहां पर अमेरिकी जानकारियों को चुराकर लाया जाता है।

आपको यहां पर ये भी बता दें कि कुछ ही समय पहले अमेरिकी मीडिया में चीन के काउंसलेट में बड़ी मात्रा में दस्तावेजों को जलाने की खबर भी सामने आई थी। तीन दिन पहले ही इमारत के अंदर ऐसा करते हुए कुछ अज्ञात व्यक्तियों को भी देखा गया था। इसके बाद ह्यूस्टन पुलिस ने ट्वीट किया गया था कि पुलिस को दूतावास के अंदर नहीं जाने दिया गया। पुलिस ने भी दूतावास के भीतर से धुआं उठने की पुष्टि की थी। हालांकि चीनी के विदेश मंत्रालय की तरफ से इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की गई। उन्‍होंने कहा कि वहां सब कुछ सामान्य दिनों की ही तरह चल रहा है। इस घटना के बाद ही ट्रंप प्रशासन ने दूतावास को बंद करने का कठोर निर्णय लिया है।

अमेरिका का आरोप है कि चीन हैकर्स के जरिए उन प्रयोगशालाओं को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है जहां पर कोविड-19 का टीका विकसित करने की कोशिशें चल रही हैं। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि चीन अमेरिका की संप्रभुता का उल्लंघन कर उन्‍हें डराने की कोशिश करे, ये किसी भी सूरत से मंजूर नहीं है। आपको बता दें कि अमेरिका में चीन के पांच वाणिज्‍य दूतावास हैं। चीन ने इस फैसले पर बयान देते हुए कहा है कि इससे दोनों देशों के संबंध और तनावपूर्ण होंगे।

चीन ने इस फैसले को अंतरराष्ट्रीय कानूनों उल्लंघन बताया है। चीन का कहना है कि अमेरिका अपनी नाकामी को उसके ऊपर थोपने की कोशिश कर रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से यहां तक कहा गया है यदि चीन अपने फैसले को वापस नहीं लेता है तो वो भी जवाबी कार्रवाई करेगा। इतना ही नहीं चीन की तरफ से इशारों ही इशारों में यहां तक कहा गया है कि चीन में मौजूद अमेरिकी दूतावास में उसके कर्मचारियों की संख्‍या उनके यहां पर स्थित कर्मचारियों से कहीं अधिक है। चीन की तरफ से अमेरिका में रह रहे चीनी नागरिकों को एक चेतावनी भी जारी की गई है कि अमेरिकी एजेंसियां उनका उत्पीड़न कर उन्‍हें गैर कानूनी रूप से हिरासत में भी ले सकती हैं।

ये भी पढ़ें:- 

Covid-19 के बाद पटरी पर लौट रही जर्मनी फ्रांस की अर्थव्‍यवस्‍था, वैट पर लगी अस्‍थाई रोक  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.